मोदी के समर्थकों का क्या कहना है?
मोदी के प्रशंसक मीडिया में और इंटरनेट पर बहुत फैले हुए हैं। उसके कुछ समर्थक - जैसे फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले से जुड़ा हुआ वरिष्ठ पुलिस अफ़सर डी जी वंज़ारा - उसे भगवान तक मानते हैं। जब वह भगवान नहीं, तो फिर भी "प्रभावशाली नेता", "सक्षम मुख्यमंत्री", "कुशल प्रशासक", दूरदर्शी, आदर्शवादी, देशभक्त, ईमानदार, इत्यादी... विशेषकर उसे अक्सर "विकास पुरुष" कहकर गुजरात के विकास के लिए ज़िम्मेदार कहा जाता है, जो उसके समर्थकों के अनुसार किसी चमत्कार से कम नहीं है।
मोदी के लिए इतना प्यार कहाँ से आता है? गुजरात के विकास या मोदी के नेतृत्व के उदाहरण माँगें तो आम तौर पर कुछ जवाब नहीं मिलते। मालूम पड़ता है कि इस प्यार का बड़ा कारण उसके चारों ओर पीआर मशीन द्वारा बनाया प्रचार तमाशा है। इंटरनेट, फ़ेसबुक, ट्विटर और पुराने मीडिया (टीवी और अखबार) - सब का इस्तेमाल अच्छे से करके "ब्रांड मोदी" बना दिया गया है। उसके इर्द-गिर्द अंबानी, अदानी जैसे अमीर और शक्तिशाली लोग देखकर कुछ लोग प्रभावित होते हैं।
पर 'मोदी लहर' और मोदी के लिए सच्चाई में कितना समर्थन है इनके बीच कुछ दूरी दिखती है। जैसे मालूम पड़ता है कि मोदी के ट्विटर फॉलोअर्स ज़्यादातर नकली हैं (यहाँ भी देखें)। और हालांकि अक्सर कहा जाता है कि मोदी नौजवानों का बहुत प्रिय है गुजरात यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के 2014 चुनावों में एबीवीपी को एनएसयूआई ने जबर्दस्त हराया।