मुसलमान/ अल्पसंख्यक/ दलितों के बारे में मोदी ने क्या कहा है?
अलग अलग चुनाव के पहले भाजपा के वोटबैंक को मज़बूत करने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की जब ज़रूरत पड़ती है तब नफ़रत फ़ैलाने वाले भाषण का इस्तेमाल अकसर किया जाता है। नीचे दिए गए मिसाल से मालूम होता है कि इस तरह के भाषण में मोदी 2014 लोकसभा चुनाव के पहले माहिर था। हालांकि 2014 के बाद वह ज़्यादा सावधानी से बात करने लगा, नीचे दिए गए उदाहरण में कुछ 2014 के बाद के बयान भी शामिल हैं।
ये है मोदी के कुछ बयान:
• 2002 के गुजरात हिंसा के तुरंत बाद हिंसा के पीड़ित मुसलमानों के लिए बनाए गए कॅम्पों को मोदी ने "बच्चे पैदा करने के कारखाने" कहा था। उसी भाषण में मोदी ने "हम पाँच, हमारे पच्चीस" शब्दों का इस्तेमाल किया - मतलब यह कि मुसलमान परिवार में एक आदमी, चार बीबी और पच्चीस बच्चे होते हैं, और मुसलमानों की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है (सच्चाई यह है कि गुजरात में 1951 में 8.9% लोग मुसलमान थे और नए आंकड़े के अनुसार 9.1% हैं)।
• 2002 की एक और घटना में मोदी ने जे एम लिंगडोह (भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त) के बारे में यह संकेत किया कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में देरी कर रहे है क्योंकि वह ईसाई है। यह भी संकेत किया कि वह भारतीय नहीं है (लिंगडोह मेघालय का है)।
• जुलई 2013 में 2002 हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा "अगर कोई कुत्ते का बच्चा भी आपकी कार के नीचे आकर मारा जाता है तो आपको दुख होता है."
• नवसर्जन ट्रस्ट द्वारा 2009 में किए गए जाँच में यह पाया गया कि गुजरात में दलितों के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव होता है, और उनके खिलाफ़ आम तौर पर हिंसा होती है (यहाँ भी देखें)। लेकिन मोदी के अनुसार दूसरों का मल ढोने, और पाखाना साफ करने वाल्मिकी समुदाय के लिए 'आध्यात्मिकता का अनुभव' है। उनका कहना था कि "किसी वक्त उन्हें यह प्रबोधन हुआ होगा कि वाल्मिकी समुदाय का काम है कि समूचे समाज की खुशी के लिए काम करना, इस काम को उन्हें भगवान ने सौंपा है"
• एक और साक्षात्कार में मोदी ने कहा: "मैं हिंदु-सिख को नहीं बाँटना चहता हूँ, हिंदू-इसाई को नहीं बाँटना चाहता हूँ..." मुसलमानों का ज़िक्र नहीं किया।
• 2012 में मोदी ने उर्दू साप्ताहिक नई दुनिया के संपादक, शाहिद सिद्दीकी, से एक साक्षातकार में मोदी ने कहा: "आज कल आप लोगों के मुँह में भी पानी आ रह है। वो इस लिए के आप अखंड भारत के नाम पर मुस्लिम अकशरियती देश बनाना चाहते हैं"।
• बिहार 2015 विधानसभा चुनाव के पहले मोदी ने आरोप लगाया कि "नीतीश और लालू ने ओबीसी, ईबीसी और दलितों का 5 प्रतिशत आरक्षण लेकर अल्पसंख्यकों (मुसलिम) को देने की साजिश की है. मैं कसम खाता हूं कि ओबीसी, ईबीसी और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए मैं अपनी जान दे दूंगा." हालांकि इस आरोप में कुछ सच्चाई नहीं थी।
• विकलांग लोगों के बारे मे अपमानजनक बयान दिया है, जैसे उसने कहा है कि देश को एक गूंगे, बहरे और विकलैग सरकार नहीं चाहिए (2014), और डिस्लेक्सिया पीड़ितों का मज़ाक उड़ाया है (2019)।
• लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मोदी ने एक भाषण में कहा: "अब [राहुल गांधी] मैदान छोड़ कर भागने लगे हैं... जहां देश का बहुसंख्यक अल्पसंख्यक में है, वहां शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं."