Narendra Modi
नरेंद्र मोदी फ़ैक्ट्स

नरेंद्र मोदी 2014 के आम चुनाव में भारत का प्रधानमंत्री बन गया। इधर उस पर, और उसको समर्थन देने वाले हिन्दू राष्ट्रवादी संगठनों पर, जानकारी और विश्लेषण (analysis) हैं।


मीडिया और मोदी का क्या रिशता है?

एक ज़माना था - 2014 आम चुनाव के पहले - जब मोदी और उसके प्रशंसकों का कहना था कि मीडिया मोदी के खिलाफ़ है। सच बात है कि तब मीडिया में मोदी के बहुत दोस्त तो थे, पर साथ में उसके आलोचकों की आवाज़ें भी कभी कभी सुनाई देती थी। पर 2014 के बाद भारत के मीडिया परिदृश्य बहुत बदल चुका है। इन परिवर्तनों में डर, धमकी, सेंसरशिप और स्व सेंसरशिप की बड़ी भूमिका रही है, जिनका विवरण कई समीक्षकों ने किया है, जैसे सेवती नैनन के इस विश्लेषण (अंग्रेज़ी) में और रवीश कुमार की इस वीडियो में। हिंदी लेखक अपूर्वानंद के अनुसार "सारे हिंदी जनसंचार माध्यम सरकार की जय-जयकार में जुट गए हैं"। मुख्यधारा मीडिया जिस तरह सरकार की "गोदी मीडिया" में परिवर्तित हो चुकी है, इसके कई उदाहरण हमारे न्यूज़ पेजों पर पढ़ सकते हैं.

जब मुख्यधारा मीडिया का यह हाल हो चुका है तो लोगों को तथ्य और सूचना देने के लिए वैकल्पिक मीडिया आगे आई है, मसलन द वायर, कारवां, सत्याग्रह, न्यूज़लॉन्ड्री, न्यूज़क्लिक, सबरंग और यू ट्यूबर ध्रुव राठी का चैनल। पर साथ में भाजपा ने भी ऑनलाइन मीडिया का महत्त्व शुरू से ही समझा है। भाजपा के ऑनलाइन प्रचार प्रसार में सब से महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी भाजपा आईटी सेल है और उनके कामकाज के कई विस्तार उनही के सदस्य से मिले हैं। आईटी सेल तरह तरह के काम में लगा होता है, जैसे सोशल मीड़िया पर पेड़ और झूटी खबरें फैलाना, और पार्टी के आलोचकों को ट्विटर और फ़ेसबुक पर ट्रोल करना और धमकाना


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पिछला अपड़ेट: Oct. 2019