क्या मोदी के गुजरात में भ्रष्टाचार था?
मोदी के समर्थकों का कहना है कि मोदी देश के सबसे ईमानदार राजनेताओं में से एक है। सच है कि वह कभी किसी भ्रष्टाचार-संबंधित अपराध के लिए कोई अदालत में दोषी नहीं पाया गया है। लेकिन सच यह भी है कि भ्रष्टाचार के बहुत रूप होते हैं, और बहुत आम होने के बावजूद इंडिया में बहुत कम राजनीतिज्ञ भ्रष्टाचार के लिए दोशी पाये जाते हैं।
गुजरात में मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार-विरोधी उपायों को कमज़ोर करने के लिए बहुत मेहनत की। गुजरात सरकार ने लोकायुक्त की शक्ति को सीमित रखा, और उसकी नियुक्ति गुजरात में राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित किया। मानो कि मोदी के गुजरात में भ्रष्टाचार की निगरानी के लिए कोई स्वतंत्र संस्था था ही नहीं।
इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि मोदी के गुजरात सरकार के खिलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोपों कि एक लंबी सूची थी। मिसाल के लिए, खुली प्रतियोगिता के बजाय मोदी सरकार और अदानी ग्रूप के बीच सौदा हुआ जिसमें सबसे महंगे बिजली कंपनी से बिजली खरीदी गई। प्राकृतिक संसाधनों की चोरी एक और बड़ा मामला था: मसलन मोदी सरकार ने गुजरात प्राकृतिक गैस का एक बड़ा हिस्सा एक ऐसे कंपनी को दे दिया जिसका अस्तित्व सिर्फ़ काग़ज़ पर था। और भी कई मिसाल हैं:
• ₹54 करोड़ चूना पत्थर के अवैध खनन के मामले में गुजरात की बीजेपी सरकार के एक प्रमुख मंत्री बाबूभाई बुखेरिया को तीन वर्ष जेल की सज़ा सुनाई गई। इसके बाद भी वह अपने पद पर स्थापित रहा।
• खनन-संबंधित भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और नाम है बी एस येदियुरप्पा, जिसे बीजेपी भी भ्रष्ट घोषित किया।
• इन घोटालों की छानबीन भी खतरनाक हो सकती है - अमित जेठवा, एक पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता था जो गीर के जंगलों में अवैध खनन की छानबीन कर रहे थे: 2010 में उसकी हत्या हुई। नवंबर 2013 में सीबीआई ने इस कत्ल के सिलसिले में गुजरात के बीजेपी सांसद दीनू बोघा सोलंकी को गिरफ्तार किया, और 2019 में उसे उम्रक़ैद की सजा मिली।
"गुजरात इलेक्शन वॉच" ने गुजरात राजनीति में होने वाले अपराध और भ्रष्टाचार पर नज़र रखा है। अपराधिता राजनीति के सब पार्टियों में मिलती है, लेकिन बिजेपी राजनेता गंभीर अपराधों के दोषियों की सूची में ज़रूर शामिल थे। दस सबसे गंभीर अपराधों के आरोपित विधायक में से छह बिजेपी के थे। बीजेपी के कई सहयोगी भी भ्रष्टाचार से जुड़े थे। मोदी का शक्ति का दुरुपयोग "स्नूपगेट" विवाद में भी स्पष्ट दिखाई दिया, जिसमें मोदी के कहने पर एक महिला की जासूसी की जा रही थी।