मोदी कैसा नेता है?
नरेंद्र मोदी के आलोचक और समर्थक अक्सर इस बात पर सहमत है कि मोदी के नेतृत्व की स्टाइल सत्तावादी है, और वह अपने हाथों में सत्ता का केंद्रीकरण करता है। स्नूपगेट और फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामलों की जाँच में जो सबूत निकल आए हैं, और लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, जसवंत सिंह जैसे बीजेपी नेताओं को हाशिये पर धकेल कर पार्टी पर मोदी ने अपनी गिरफ्त जिस तरह बनाई है, इनसे यह प्रवृत्तियाँ स्पष्ट होती हैं। मोदी के कुछ प्रशंसक खुद कहते है: "हमें इस देश में और थोड़ा सा अधिनायकवाद की ज़रूरत है"।
मोदी का साक्षात्कार लेने के बाद समाज वैज्ञानिक आशीष नंदी ने मोदी पर अपनी राय व्यक्त की थी: "अपने पाठकों को यह बताकर कोई खुशी नहीं हो रही कि मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक विश्लिषक और मनोवैज्ञानिकों ने सत्तवादी व्यक्तित्व पर वर्षों में जो मानदंड स्थापित किए, मोदी लगबग उन सभी पर खरे उतरते हैं। उनमें भावनात्मक जीवन की संकीर्णता, संयमित कठोरता, अस्वीकृति और अपने ही जुनून के डर से हिंसा की कल्पनाओं के साथ बड़े पैमाने पर अहंकार की रक्षा करने का प्रयास - सभी लक्षण साफ़-साफ़ पागल और जुनूनी व्यक्तित्व की विशेषताओं से मिलते-जुलते हैं।" विकीलीक्स वेबसाइट ने मोदी के नेतृत्व की स्टाइल पर अमेरिकी दूतावास की कई टिप्पणियाँ भी प्रकाशित की हैं जिसमें उसनें कहा है: "कुल मिला वह अकेले चलने वाले, अविश्वासी व्यक्ति हैं। वह सहयोग और सहमति के बदले डरा धमका कर काम करना पसंद करते हैं। वह रुखे हैं और दूसरों को नीचा दिखाते हैं और उच्च स्तरीय पार्टी अधिकारियों के प्रति भी कई बार अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। वे ताकत बटोरते हैं।"
वरिष्ठ गुजराती पत्रकार आकार पटेल मोदी से कई बार मिल चुका है। उसके अनुसार मोदी का "सख्त और अनुशासित" व्यक्तित्व है, और वह करिश्माई और मेहनती भी है। साथ में मोदी आशंकित और अविश्वासी भी है, और "सिर्फ़ उनही के साथ काम करेगा जो उनका सर्वोच्चता मान लें"। मोदी को "विधानमंडल के लिए घृणा है" और "अल्पसंख्यकों के अधिकार उसे समझ में नहीं आता है"। वह अपने को "एक मसीहा के रूप में" देखता है। पटेल के मुताबिक मोदी पीएम बनेगा तो वह सिर्फ़ "चमचा और ख़ुशामदी" को पास रखेगा।
अहंकार और आशंका दोनों मोदी के ही शब्द में स्पष्ट रूप से दिखते हैं। मोदी ने कहा है कि मुश्किल काम के लिए भगवान ने उसे चुना है। उर्दू साप्ताहिक नई दुनिया से एक साक्षातकार में मोदी ने कहा: "हम खुद अपने लिए चलैंज हैं, क्योंकि हम ने मैयार (बेंचमार्क) इतना बुलंद कर दिया है लोग हमारे मैयार पर हमें नापते हैं। मोदी 16 घंटे काम करता है, तो लोग कहते हैं 18 घंटे क्यों नहीं करता? लोगों की एक्स्पेक्टेशन (expectation) नरेंद्र मोदी से बहुत ज़्यादा हैं। हमें खुद अपने रिकॉर्ड तोड़ने पड़ते हैं।" उसी साक्षातकार में मोदी ने यह भी कहा कि "मीडिया ने मेरे खिलाफ़ झूठ फैलाने का ठेका लिया हुआ है"। सब ने मोदी के "छप्पन इंच की छाती" के बारे में सुना है - पर साथ ही गुजरात हिंसा के पीडितों के बारे में कहा था "अगर कोई कुत्ते का बच्चा भी आपकी कार के नीचे आकर मारा जाता है तो आपको दुख होता है"।