कानून और न्याय
अपराध के साथ सहजीवन: "2014 की सबसे महत्वपूर्ण किताब: मनोज मित्ता की "द फिक्शन ऑफ़ फैक्ट फाइंडिंग: मोदी एंड गोधरा" (अपूर्वानंद की लेख - हिंदी में)
"ये कहना कि इस देश की अदालतों ने ये मान लिया है कि नरेंद्र मोदी की गुजरात दंगों में कोई भूमिका नहीं थी ये सच नहीं है." (प्रदीप सिंह, बीबीसी के लिए, हिंदी में)
नरोदा पाटिया: न्यायपूर्ण समाज का संघर्ष (राम पुनियानी, हिंदी में)
गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ कानून का दुरुपयोग: एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट (हिंदी में)
आर बी श्रीकुमार के चर्चा और सुझाव, जिसमें सरकार और पुलिस का भाग का उल्लेख है (2012) (अंग्रेज़ी में)।