'किसी भी तरह की आपदा वाली परिस्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) पहले से काम कर रहा है। ऐसे में पीएम केयर्स फंड की क्या आवश्यकता थी? इसका अब तक कोई ठोस और संतोषजनक जवाब नहीं मिला है...'
'जहां एक तरफ पूरा भारत (और दुनिया) कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार की कोशिशें कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने अपने महत्वाकांक्षी और विवादित- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट- के लिए दिल्ली मास्टर प्लान में संशोधन को मंजूरी देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया है. इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट का बजट 20,000 करोड़ रुपये का है. एक महामारी से लड़ते हुए पूरे भारत के लॉकडाउन में चले जाने के बावजूद इस तरह के नोटिफिकेशन जारी करना ये दर्शाता है कि आखिर मोदी सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं...'
'कर्नाटक में बीजेपी के ‘संकटमोचक’ कहे जाने वाले दलित नेता और कर्नाटक सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु की बेटी रक्षिता की हैदराबाद के उद्योपति रवि कुमार से 5 मार्च को शादी होने जा रही है। यह शादी इतिहास रचने जा रही है क्योंकि अस शादी में 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे... यह शादी नौ दिनों तक चलगी जिसकी शुरुआत 27 फरवरी को होने जा रही है। बताया जा रहा है कि यह शादी इस दशक की सबसे बड़ी शादी होगी...'
'उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में हज़ारों टन सोने की संभावना को लेकर अब विरोधाभासी जानकारियां सामने आ रही हैं. भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली संस्था जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (जीएसआई) ने कहा है कि उसने सोनभद्र में 3,350 टन सोने का कोई अनुमान नहीं लगाया है और न ही वो मीडिया में चल रही ख़बरों की पुष्टि करता है...
'केंद्र सरकार ने खाद्य सब्सिडी के बजट में पिछले साल के मुकाबले करीब 70,000 करोड़ रुपये की कटौती की है. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र की सुरक्षा का बजट बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये कर दिया गया है. बीते शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में खाद्य सब्सिडी के लिए 115569.68 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जबकि पिछले बजट में इसी योजना के लिए 184220 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. इतना ही नहीं, सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के बजट को भी कम करके 108688.35 करोड़ रुपये कर दिया है.
'राजनीतिक चंदे की लेनदेन में काम आने वाले बैंकिंग चैनलों, खातों और मुद्रक को मिलाकर समूचे इनफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और सुरक्षा पर गोपनीय अरबपति या प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल एक पैसा अपनी ओर से खर्च नहीं करते. इसके बजाय यह लागत भारत सरकार के एक खाते कंसोलिडेटेड फंड आँफ इंडिया से वसूली जाती है जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आने वाला राजस्व जमा होता है. इसके ठीक उलट आम भारतीय नागरिकों द्वारा किए जाने वले बैंकिंग विनिमय पर उससे बैंकिंग शुल्क और कमीशन वसूला जाता है.
'हमारी इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधी कागज़ात की पड़ताल में यह सामने आया है कि इस विवादास्पद योजना के बारे में सूचना प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक ने सार्वजनिक रूप से गलतबयानी की थी और कुछ मामलों में सूचना के अधिकार के तहत किए गए आवेदनों पर झूठे जवाब भी दाखिल किए थे. यह इसके बावजूद था कि बैंक ये सूचनाएं नियमित रूप से वित्त मंत्रालय को भेज रहा था. सूचना कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने एक आरटीआई आवेदन में एसबीआई से 13 सीधे सवाल पूछे थे.
'कानून मंत्रालय ने मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित लिये गये फैसले और इलेक्टोरल फंडिंग से जुड़े अन्य कानूनों में संसदीय प्रक्रिया के तहत किये गये बदलावों को आधिकारिक रूप से सहमति दी थी. मंत्रालय की तरफ़ से यह सब गड़बड़ियां की गई. हमें मिले दस्तावेज़ों में इस बात के पूरे साक्ष्य हैं कि मोदी सरकार द्वारा इस पर राज्यसभा को बाइपास करना असंवैधानिक, गैरकानूनी था...'
'...हक़ीक़त तो यह है कि भारत में आर्थिक-असामनता का बढ़ना निरंतर जारी है। एक अर्थ में यह कह सकते हैं कि कुल संपदा में शीर्ष के 1% लोगों की स्थिति पूरी तरह से असंदिग्ध है, जैसा कि तथ्यों से जाहिर है कि बढ़ते आर्थिक-असमानता के मामले में ज़्यादातर विकसित और "नए उभरते" देशों के समूह से संबंधित देशों की तुलना में यहाँ पर यह ऊँचे स्तर पर बना हुआ है। वास्तविकता में इन विकसित और "नए उभरते" देशों के समूह में यदि पुतिन के रूस और बोल्सोनारो के ब्राज़ील को छोड़ दें तो, जिनके शीर्ष के 1% लोगों की धन सम्पदा का आबादी के बाकी हिस्सों से 2019 में भारत के 1% धनाड्य वर्ग से कहीं अधिक है, वर्ना बाकी के देशों की तुलन
'एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के एक फीसदी अमीरों के पास 70 फीसदी आबादी (करीब 953 मिलियन) की कुल संपत्ति का चार गुना धन है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश के 63 अरबपतियों के पास 2018-19 के भारत के बजट से ज्यादा धन है. 2018-19 में भारत का बजट 24 लाख 42 हजार 200 करोड़ रुपये था...'