'पिछले साल विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए हंगामे के बाद दिल्ली के एक अन्य शैक्षणिक संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक सड़क का नामकरण हिंदुत्व नेता सावरकर के नाम पर कर दिया है. आउटलुक के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम की जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने कड़ी आलोचना की है. जेएनयूएसयू ने इस कदम को ‘जेएनयू की विरासत के लिए शर्मनाक’ बताया है. जेएनयूएसयू की अध्यक्ष ओईशी घोष ने कहा, ‘यह जेएनयू की विरासत के लिए शर्मनाक है कि इस विश्वविद्यालय में इस आदमी का नाम डाल दिया गया है.’...'
'नागरिकता कानून (सीएए) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान पिछले साल 17 दिसम्बर को आईआईटी कानपुर में छात्रों द्वारा फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म 'हम देखेंगे' गाने के बाद हुए विवाद के संबंध में बनी कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। आईआईटी-कानपुर प्रशासन की ओर से गठित की गई इस कमेटी ने फ़ैज़ की नज़्म पढ़ने को ‘समय और स्थान के लिए अनुपयुक्त’ पाया है। छात्रों ने सीएए और जामिया में छात्रों पर हुई पुलिस हिंसा का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था, जिसमें फ़ैज़ की इस इंक़लाबी नज़्म को भी पढ़ा गया था। फ़ैज़ की नज़्म पर आपत्ति जताते हुए आईआईटी के अस्थायी प्रोफ़ेसर वशी मंत शर्मा ने 'बेवकूफ़ाना' और 'भोला' तर्क दिया था कि यह नज़्म हिंदू-विरोधी
'दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था...'
'पुडुचेरी विश्वविद्यालय के छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का पुडुचेरी का दौरा भी होना है। उनके विश्वविद्यालय के दौरे से पहले पुलिस ने बलपूर्वक छात्रों का निष्कासन कर दिया गया। नायडू बुधवार को दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए विश्वविद्यालय का दौरा करने के लिए आ रहे हैं...'
'15-16 फ़रवरी, 2020 की दरमियानी रात जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने 15 दिसंबर, 2019 को हुए लाइब्रेरी में पुलिस की बर्बरता का CCTV फ़ुटेज ट्वीट किया. ये वीडियो 45 सेकंड का था जिसमें पुलिस को छात्रों पर बेरहमी से डंडे बरसाते हुए देखा जा सकता है. ये लाइब्रेरी के अंदर का वीडियो है और पुलिस छात्रों को पीटते हुए वहां से भगाने की कोशिश कर रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसी घटना का 29 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है... 16 फ़रवरी को शाम 5 बजे इंडिया टुडे ने अपने ‘एक्सक्लूज़िव’ प्रसारण में एक अन्य CCTV फ़ुटेज चलाया. जिसमें उन्होंने दावा किया कि ये वायरल वीडियो के चंद मिनटों पहले का सीन है...
'13 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामिया के छात्रों के प्रदर्शन के बाद 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हिंसा हुई थी, जहां पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था, साथ ही लाइब्रेरी में आंसू गैस फेंकी गयी थी. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में घुसने और लाठीचार्ज करने की बात से इनकार किया गया था, हालांकि 16 फरवरी को सामने आए एक वीडियो में पुलिस लाइब्रेरी के अंदर नजर आयी थी. इसी शाम एक दिल्ली पुलिस द्वारा एक अन्य वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उनके अनुसार ‘दंगाई’ लाइब्रेरी में घुसे थे. इस वीडियो में कई छात्र लाइब्रेरी में घुसकर दरवाजे के आगे फर्नीचर लगाकर उसे ब्लॉक कर रहे थे.
'जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा 15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पुलिस के घुसने और हिंसा की फुटेज जारी करने के एक दिन बाद एक अन्य फुटेज सामने आयी है, जहां पुलिस छात्रों के लाइब्रेरी का दरवाजा ब्लॉक करने के बाद उसे तोड़कर अंदर घुसकर निहत्थे छात्रों पर लाठियां बरसाती नजर आ रही है. मकतूब मीडिया द्वारा जारी 5 मिनट लंबी यह वीडियो फुटेज ओल्ड रीडिंग हॉल के दरवाजे के पास लगे सीसीटीवी की है.
'जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के संबंध में छात्रों के एक समूह ने दिल्ली पुलिस की निर्मम कार्रवाई को लेकर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पुलिस के जवान लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ रहे छात्रों पर बेरहमी से लाठियां बरसते नज़र आ रहे हैं. जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) द्वारा ट्विटर पर जारी 44 सेकेंड का यह वीडियो एक सीसीटीवी कैमरा की फुटेज का हिस्सा है, जिस पर 15 दिसंबर की तारीख और शाम के छह बजे का समय अंकित दिखता है...'
'महाराष्ट्र के अमरावती में एक महिला कॉलेज ने छात्राओं को शपथ दिलवाई है कि वे प्रेम विवाह नहीं करेंगी. यह शपथ वैलेंटाइन डे पर दिलाई गई है. कला महाविद्यालय द्वारा छात्राओं को दिलाई गई ऐसी शपथ के बाद विवाद खड़ा हो गया है. खबरों के मुताबिक, छात्राओं को दिलाई गई शपथ में कहा गया, ‘मैं शपथ लेती हूं कि मुझे अपने माता-पिता पर पूरा भरोसा है. अपने आसपास हो रहे घटनाक्रम को देखते हुए कभी प्यार नहीं करूंगी और न ही प्रेम-विवाह करूंगी.’ इसके अलावा इस शपथ में दहेज का विरोध और स्वस्थ भारत जैसी बातें भी थीं...'
'गार्गी कॉलेज में कल्चरल फ़ेस्टिवल के दौरान छात्राओं पर हुए यौन हमले को लेकर मंगलवार11 फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने नार्थ कैंपस आर्ट्स फेकल्टी के मेन गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को भी कठघरे में खड़ा किया। क्रांतिकारी युवा संगठन के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। यौन हिंसा के खिलाफ सभी से एकजुटता दिखाते हुए छात्रों ने शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की,कॉलेज प्रशासन का पुतला भी फूंका। साथ