'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘आतंकवादी’ कहने के आरोप में कानपुर जिला अदालत के एक वकील के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल हन्नान नाम के वकील ने रविवार को राज्य के सूचना विभाग के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी के एक ट्वीट पर कॉमेंट किया था. दरअसल, त्रिपाठी ने राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के एक हिस्से का वीडियो ट्वीट किया था.
'कर्नाटक के बीदर की एक जिला अदालत ने सीएए विरोधी नाटक करने को लेकर दर्ज हुए राजद्रोह के मामले में शाहीन स्कूल के प्रबंधक सहित कई लोगों को अग्रिम जमानत दे दी है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया राजद्रोह का मामला नहीं बनता है और इसे लेकर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है. अदालत ने यह कहते हुए प्रतिनिधियों को अग्रिम जमानत दी कि सीएए के खिलाफ स्कूल के बच्चों द्वारा किया गया नाटक समाज में किसी भी तरह की हिंसा या असामंजस्य पैदा नहीं करता...'
'दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था...'
'इस समय हमारे देश में देशद्रोह (सेडिशन) कानून का जबरदस्त दुरूपयोग हो रहा है। ऐसा ही एक मामला हाल में कर्नाटक में हुआ है। कर्नाटक के बीदर नामक नगर के एक स्कूल में एक नाटक खेला गया था। नाटक में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आलोचना की गई थी। इस मुद्दे को लेकर स्कूल और उसके शिक्षकों पर सेडिशन कानून जड़ दिया गया और कई शिक्षकों और छात्रों के अभिभावकों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिन्हें गिरफ्तार किया गया उनमें 9 वर्ष की एक छात्रा की मां नजमुनीसा भी शामिल थी। नजमुनीसा को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उसकी 9 साल की बेटी ने नाटक में सीएए के खिलाफ कुछ बातें कहीं थीं। स्कूल की प्रधानाध्यापिका
'कर्नाटक के बेंगलुरू में नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में एक रैली में महिला द्वारा कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की एक रैली में अमूल्या लियोना नाम की महिला ने कथित तौर पर मंच से पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की. इस दौरान मंच पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मौजूद थे लेकिन उन्होंने महिला से इस तरह के नारे नहीं लगाने को कहा और माइक लेने की कोशिश की...'
'राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे कश्मीर के तीन इंजीनियरिंग छात्रों को बांड भरवाकर रिहा किये जाने के बाद पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने पर उन्हें सोमवार को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त आर. दिलीप ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ उन्हें (कश्मीरी छात्रों को) फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत के समक्ष पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।’’ पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पाकिस्तान के समर्थन में कथित रूप से नारेबाजी करने और सोशल मीडिया पर उसका वीडियो पोस्ट करने के मामले में राजद्रोह के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था...'
'3 कश्मीरी छात्रों को 15 फरवरी के दिन देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. अब हुबली-धारवाड़ पुलिस कमिश्नर आर दिलीप ने क्विंट को बताया है कि 17 फरवरी को उन छात्रों को कोर्ट ने 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. जब इन छात्रों को कोर्ट ले जाया जा रहा था तभी कथित तौर पर कुछ हिंदूवादी संगठनों ने इन छात्रों पर हमला करने की कोशिश की. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा... हुबली के बार एसोसिएशन ने आपसी सहमति से तय किया है कि वो इन कश्मीरी छात्रों का केस नहीं लड़ेंगे...'
'कर्नाटक के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे कश्मीर के तीन छात्रों को पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हुबली जिले के केएलई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने कथित तौर पर पाक समर्थित नारे लगाते हुए सोशल मीडिया पर उसका वीडियो पोस्ट किया था...'
'कर्नाटक के बीदर की एक सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को एक स्कूल में सीएए पर नाटक मंचन को लेकर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शाहीन प्राइमरी और हाई स्कूल की संचालिका फरीदा बेगम और एक छात्र की मां नजमुनिस्सा को जमानत दे दी है. इन दोनों महिलाओं पर आरोप था कि इन्होंने विद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विद्यालय में एक नाटक आयोजित किया था, जिसके बाद इन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 30 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद से वे हिरासत में थी...'
'नज़्बुन्निसा सिंगल मदर हैं जो दूसरों के घरों में काम कर गुज़ारा करती हैं. उन्होंने हमें अपना पूरा नाम नहीं बताया. नज़्बुन्निसा और फ़रीदा बेगम को 30 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था. फ़रीदा उस स्कूल में टीचर हैं जहां उनकी बेटी पढ़ाई करती है. दोनों महिलाओं पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है जिससे दोनों इनकार करती रही हैं. कर्नाटक के उत्तर में बसे बीदर ज़िले की जेल में मेरी उनसे मुलाक़ात हुई. जेल अधिकारी के कमरे में हुई मुलाक़ात में उन्होंने कहा कि वो मज़बूत बने रहने की बहुत कोशिश कर रही हैं लेकिन अचानक से उनकी ज़िंदगी में उथल-पुथल मच गई है...'