'कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसी बीच कन्नडा चैनल ‘पब्लिक TV’ ने 14 मार्च को एक न्यूज़ बुलेटिन दिखाया. इसमें दावा किया गया कि कर्नाटका, भटकाल में चार मुस्लिम युवक दुबई से लौटे हैं और उन्होंने धार्मिक कारणों से कोरोना का टेस्ट करवाने से मना किया है. हालांकि, प्रसारण का वीडियो ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से अब डिलीट कर दिया गया है मगर आप इसे नीचे देख सकते हैं...'
'आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत का ज़िम्मेदार बताया गया है. शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को हुसैन के घर के पास वाले एक नाले में मिली थी. उसके बाद से आप नेता को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया और उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया है. इस पूरे दौरान दिल्ली में हुई हिंसा और ताहिर हुसैन से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स में पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों की अनदेखी की गई. ऐसी ही एक रिपोर्ट है ‘सुदर्शन न्यूज़’ की. 27 फ़रवरी को चैनल ने दो मिनट का एक वीडियो ट्वीट किया जिसके अनुसार वो ताहिर हुसैन के घर की ग्राउंड रिपोर्ट है.
'ट्विटर यूज़र @RD_BANA ने चार तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया, जिसके साथ दावा किया गया कि मुस्लिम व्यक्ति बिरयानी में दवाई मिला कर परोस रहा है. ट्वीट में लिखा है – मुस्लिम और हिंदुओं के लिए अलग अलग बर्तनों में बिरयानी बनाई जा रही है. हिंदुओं को ऐसी बिरयानी दी जा रही है जिसमें नपुंसक बनाने की दवाई मिलाई गई हो. कोयंबटूर की एक होटल में ऐसी ही बिरयानी बांटते हुए पकड़ा गया है. इस होटल का नाम माशा अल्लाह ऑफ़ रहमान बिस्मिल्लाह है. मेसेज के अंत में सतर्क करते हुए कहा गया है कि ध्यान रखे! वो हर तरीकों से आप तक पहुंचना चाहते हैं...'
'कई यूज़र्स ‘दिलावर शेख (@DilawarShaikh_)’ की एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. ट्वीट में शेख, हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए उन्हें काटने की बात कह रहे हैं. शेख ने खुद को ‘अल जज़ीरा का संवाददाता’, पहले ‘द वायर’ से जुड़ा हुआ और खुद को राणा आयूब से प्रभावित बताया है. हालांकि, उन्होंने अब अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है... वेबसाइट ‘ऑपइंडिया’ ने भी ऐसे ही दावों वाला एक आर्टिकल प्रकाशित किया था. हालांकि उन्होंने बिना कोई वजह बताए इस आर्टिकल को डिलीट कर दिया है... शेख का ये दावा कि वो ‘अल जज़ीरा’ और ‘द वायर’ के साथ काम करते हैं, गलत है.
'25 फ़रवरी के ट्विटर ट्रेंड्स में ‘mosque’ और ‘Rana Ayyub’ टॉप पर रहा. ये तब हुआ जब अयूब ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में कुछ लोगों को एक मस्जिद पर हनुमान झंडा लहराते हुए ‘जय श्री राम’ और ‘हिंदुओं का हिंदुस्तान’ नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. अयूब ने बाद में इस वीडियो को तहसीन पूनावाला के दावे के बाद डिलीट कर दिया. तहसीन का दावा था कि इस वीडियो का नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना देना नहीं है. अयूब ने इस वीडियो की पुष्टि करने के बाद इसे फ़िर से शेयर किया है...'
'15-16 फ़रवरी, 2020 की दरमियानी रात जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने 15 दिसंबर, 2019 को हुए लाइब्रेरी में पुलिस की बर्बरता का CCTV फ़ुटेज ट्वीट किया. ये वीडियो 45 सेकंड का था जिसमें पुलिस को छात्रों पर बेरहमी से डंडे बरसाते हुए देखा जा सकता है. ये लाइब्रेरी के अंदर का वीडियो है और पुलिस छात्रों को पीटते हुए वहां से भगाने की कोशिश कर रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसी घटना का 29 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है... 16 फ़रवरी को शाम 5 बजे इंडिया टुडे ने अपने ‘एक्सक्लूज़िव’ प्रसारण में एक अन्य CCTV फ़ुटेज चलाया. जिसमें उन्होंने दावा किया कि ये वायरल वीडियो के चंद मिनटों पहले का सीन है...
'13 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामिया के छात्रों के प्रदर्शन के बाद 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हिंसा हुई थी, जहां पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था, साथ ही लाइब्रेरी में आंसू गैस फेंकी गयी थी. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में घुसने और लाठीचार्ज करने की बात से इनकार किया गया था, हालांकि 16 फरवरी को सामने आए एक वीडियो में पुलिस लाइब्रेरी के अंदर नजर आयी थी. इसी शाम एक दिल्ली पुलिस द्वारा एक अन्य वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उनके अनुसार ‘दंगाई’ लाइब्रेरी में घुसे थे. इस वीडियो में कई छात्र लाइब्रेरी में घुसकर दरवाजे के आगे फर्नीचर लगाकर उसे ब्लॉक कर रहे थे.
'आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्लाह खान की एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप पर प्रसारित है। इस कथित ट्वीट में आप नेता को हाल ही में विधानसभा चुनावों में मिली जीत का क्रेडिट इस्लाम की जीत को देते हुए कहते है, “पुरे इंडिया में इस्लाम की जीत होगी।” मधु कीश्वर ने इसे ट्वीट करते हुए लिखा है, “बिल्कुल सही आंकलन।”... कथित प्रसारित ट्वीट के शब्दों को ट्विटर पर सर्च करने से हमें कोई परिणाम नहीं मिला। हालांकि, ऐसा हो सकता है कि ट्वीट को डिलीट कर दिया गया हो इसीलिए ऑल्ट न्यूज़ ने विश्लेषण करना शुरू किया। हमारी पड़ताल में ये ट्वीट फ़र्ज़ी निकला...'
'तारिक फ़तह, सोशल मीडिया में सक्रिय एक प्रमुख नाम हैं, जिन्हें 6 लाख से अधिक लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं। कई अवसरों पर ये पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक सांप्रदायिक आधार पर, विशेष रूप से भारतीय मुसलमानों पर, निशाना साधने हुए गलत जानकारियां शेयर करते हुए पाए गए हैं। इससे भी अधिक चिंता की बात ये है कि भ्रामक सूचनाओं की सच्चाई बताए जाने के बावजूद फ़तह अपना ट्वीट डिलीट नहीं करते हैं। और तो और, हाल ही में उन्होंने कोशिश की कि उन्हें फॉलो करने वाले गुमराह ही रहें...'
'जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी को हिंसा हुई. खबरें आईं कि स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ता सूरी कृष्णन इस हिंसा में घायल हुए हैं. मुख्यधारा के मीडिया में उनकी फोटो भी छपी. जिसमें वे सिर में पट्टी बांधे हुए दिख रहे हैं. अब कुछ सोशल मीडिया यूजर यह कहकर कृष्णन पर निशाना साध रहे हैं कि वे घायल होने का दिखावा कर रहे हैं, उनके हाथ और सिर पर दिख रहे जख्म फर्जी हैं.