'बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर द वायर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 505(2) के तहत केस दर्ज किया. धारा 188 के तहत सरकारी आदेश की अवहेलना और धारा 505 (2) के तहत विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के उद्देश्य से सूचना प्रसारित आरोप में सजा का प्रावधान है...'
'सीएए पास होने के बाद उसके खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन, उसके समर्थन में निकाली गई रैलियों और बीते दिनों दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान 32 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पत्रकारों के साथ मारपीट या उन्हें उनके काम करने से रोकने की कोशिश हुई है। यह खुलासा सोमवार को 'कमेटी अगेन्स्ट एसॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट' (CAAJ) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट से हुआ है। CAAJ की ओर से 9 मार्च को दिल्ली में प्रेस क्लब में 'रिपब्लिक इन पेरल' (Republic In Peril) नाम से जारी इस रिपोर्ट में दिल्ली के उन 32 पत्रकारों का विवरण दिया गया है, जिन पर हमला किया गया था...'
'सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने केरल के टीवी समाचार चैनलों – एशियानेट न्यूज और मीडिया वन पर लगाया गया 48 घंटे का प्रतिबंध हटाया. न्यूज एजेंसी भाषा ने सूत्रों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की कवरेज को लेकर केरल के दो समाचार चैनलों के प्रसारण पर शुक्रवार को 48 घंटे की रोक लगाते हुए कहा था कि इस तरह की खबर से ‘साम्प्रदायिक विद्वेष’ बढ़ सकता है. मंत्रालय ने देशभर में किसी भी प्लेटफार्म से दोनों चैनलों के प्रसारण एवं पुनर्प्रसारण पर छह मार्च शाम साढ़े सात बजे से आठ मार्च शाम साढ़े सात बजे तक के लिए रोक लगाई थी.
'कश्मीर घाटी में शनिवार को करीब छह महीने के बाद पहली बार कम गति की इंटरनेट सेवा (टूजी) बहाल कर दी गई है. प्रशासन ने यह भी कहा है कि फिलहाल इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले 301 वेबसाइटों का ही इस्तेमाल कर सकेंगे...'
'प्रधानमंत्री मोदी का दावा है कि उनकी सरकार में सभी तरह के आंकड़े और सेवाएं ऑनलाइन होने के कारण पारदर्शिता आई है। अगर यह सच है तो उनकी सरकार फिर इंटरनेट बंद करने में नंबर-वन क्यों है?
'उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार की रात अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू के पत्रकार को हिरासत में लेकर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना को लेकर पत्रकार संगठनों ने दोषी पुलिसकर्मियों को निष्कासित करने की मांग की है और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी है। इस घटना को लेकर “द हिंदू” अख़बार के विशेष संवाददाता उमर राशिद बताते हैं कि शुक्रवार की रात वह विधानसभा के निकट एक होटल पर आकर बैठे थे और सरकारी अधिकारियों द्वारा होने वाली प्रेस वार्ता की प्रतीक्षा कर रहे थे। उसी समय कुछ बिना वर्दी के पुलिसकर्मी आए और बिना कुछ बताए उनको अपनी जीप में बैठाकर ले गए। उस समय उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता रॉबिन व
'सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं, जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों...'
'रिहाई की शर्त के रूप में हिरासत में लिए गए लोगों को यह वादा करना पड़ रहा है कि वे एक साल तक जम्मू कश्मीर की हालिया घटनाओं के संबंध में न तो कोई टिप्पणी करेंगे और न ही कोई बयान जारी करेंगे... बड़े नेताओं के साथ कश्मीर में राजनीतिक रूप से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने के लिए एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं जो देश में संविधान के तहत मिले अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग है. रिहा किए जाने वाले लोगों से जिन बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं उसके तहत रिहाई की यह शर्त है कि वे अनुच्छेद 370 सहित कश्मीर के हालिया हालात पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
'उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में एक पत्रकार के खिलाफ इसलिए केस दर्ज कर लिया था क्योंकि उसने स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। अब ऐसा ही मामला हरियाणा की भाजपा सरकार में भी सामने आया है। हरियाणा के हिसार में एक पत्रकार के खिलाफ मानहानि और अवैध घुसपैठ का मामला दर्ज किया गया है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक अनूप कुंडू नाम के पत्रकार के खिलाफ इसलिए केस दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने हिसार के उकलाना में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के गोदाम में खराब हो रहे गेहूं पर रिपोर्ट की थी...'
'उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ के जिलाधिकारी ने एक स्कूल में बच्चों द्वारा कथित रूप से झाड़ू लगाने की फोटो खींचने पर एक पत्रकार को गिरफ्तार करने के मामले की जांच के सोमवार को आदेश दिए। उनके साथी पत्रकार सुधीर सिंह ने आरोप लगाया है कि पत्रकार को सरकारी काम में बाधा डालने और रंगदारी मांगने के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। सुधीर सिंह ने अन्य पत्रकारों के साथ जिलाधिकारी एनपी सिंह से मुलाकात की और उन्हें कथित अवैध गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। एनपी सिंह ने कहा, 'पत्रकारों के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। हम मामले को देखेंगे।' उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं...'