'बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर द वायर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 505(2) के तहत केस दर्ज किया. धारा 188 के तहत सरकारी आदेश की अवहेलना और धारा 505 (2) के तहत विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के उद्देश्य से सूचना प्रसारित आरोप में सजा का प्रावधान है...'
'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘आतंकवादी’ कहने के आरोप में कानपुर जिला अदालत के एक वकील के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल हन्नान नाम के वकील ने रविवार को राज्य के सूचना विभाग के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी के एक ट्वीट पर कॉमेंट किया था. दरअसल, त्रिपाठी ने राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के एक हिस्से का वीडियो ट्वीट किया था.
'...उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगे होर्डिंग्स पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। पहले पुलिस-प्रशासन की तरफ़ से सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शकारियों को हिंसा का आरोपी बताते हुए नुकसान की भरपाई के लिए जगह-जगह बड़े बड़े होर्डिंग-पोस्टर लगा दिए गए। इस पर आपत्ति के बाद भी इन्हें नहीं हटाया गया। इसके बाद जैसे को तैसा जवाब देते हुए यह पोस्टर वार शुरू हो गई। शनिवार, 14 मार्च को लखनऊ की सड़कों पर और भाजपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा दिखाई दिया। पोस्टर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों की फोटो हैं, साथ ही चुनावी हलफनामे के दौरा
'उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विरोध प्रदर्शनों, जुलूसों और धरने के कारण सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अध्यादेश लाएगी. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ. सरकार ने यह कदम हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया है जिसमें उसे लखनऊ में लगाए गए सीएए विरोधियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया गया था. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. शीर्ष अदालत ने भी सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि उसे किस कानून ने ऐसा करने का अधिकार दिया है.
'उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर राजधानी लखनऊ में लगे पोस्टरों के मामले में योगी सरकार को झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उससे ये पोस्टर हटाने को कहा है. अदालत ने इस कदम को अवैध और मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए लखनऊ प्रशासन से 16 मार्च तक इस मामले में रिपोर्ट भी तलब की है. पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में 53 लोगों के नाम, उनकी तस्वीरें और उनके पते छपे हैं. इनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर समेत कई चर्चित नाम भी हैं...'
'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारत की ऋषि परंपरा का प्रसाद है। आज पूरी दुनिया मन और शरीर से जुड़ी हुई बीमारियों से मुक्ति चाहती है। योग करने से इनसे जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इसको अपनाने से कोरोना वायरस की चपेट में भी लोग नहीं आएंगे...'
'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गत 19 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा के दौरान एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली लगने से नहीं मरा. योगी ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा.
'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दिया है और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवेसी से भी ऐसा ही करने की उम्मीद की जाती है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात दिल्ली विधानसभा में भाजपा के लिए प्रचार करते हुए कही...'
'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर तीखा हमला बोला है. पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे स्वयं आंदोलन करें, इसलिए घर की महिलाओं और बच्चों को चौराहों पर बैठा दिया है. कानपुर में सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ का यह भी कहना था कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा... योगी आदित्यनाथ ने आजादी के नारे लगाने वालों पर भी सवाल उठाया.
'नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया उनका एक गोपनीय दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गया था... उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर जिले (नोएडा) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को उन्हें निलंबित कर दिया. सरकारी प्रवक्ता ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी...'