'भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में मौजपुर लालबत्ती के निकट सभा बुलाकर मांग की कि पुलिस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनकारियों को तीन दिन में हटाए. मिश्रा ने कहा, ‘वे सड़कें बाधित करके 35 लाख लोगों का संपर्क तोड़ना चाहते है. किसी चीज के खिलाफ प्रदर्शन का क्या यह कोई तरीका है? हम इस इलाके को शाहीन बाग नहीं बनने देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘सड़कें बाधित करने से करीब 35 लाख लोग प्रभावित हुए है. उनके पास यमुना पार जाने का कोई और रास्ता नहीं है. यदि मैंने सड़कें बाधित करने के विरोध का नेतृत्व नहीं किया होता, तो वे स्वयं ही सड़कें पर उतर आए होते.’...'
'दिल्ली में नए नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. मरने वालों में एक पुलिसकर्मी शामिल है. यह हिंसा दिल्ली के मौजपुर और भजनपुरा इलाकों में हुई. भीड़ ने कई गाड़ियों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी. इन इलाकों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है...'
'संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ रात भर चला प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहने पर उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए. इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग पहुंचे, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं. यह प्रदर्शन शनिवार की रात शुरू हुआ और इस दौरान सीलमपुर को मौजपुर तथा यमुना विहार से जोड़ने वाली सड़क जाम कर दी गई... महिलाओं के हाथ में तिरंगा था और वे ‘आजादी’ के नारे लगा रही थीं. उन्होंने कहा कि वे तब तक नहीं हटेंगी जब तक केंद्र सीएए को वापस नहीं ले लेता...'
'15-16 फ़रवरी, 2020 की दरमियानी रात जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने 15 दिसंबर, 2019 को हुए लाइब्रेरी में पुलिस की बर्बरता का CCTV फ़ुटेज ट्वीट किया. ये वीडियो 45 सेकंड का था जिसमें पुलिस को छात्रों पर बेरहमी से डंडे बरसाते हुए देखा जा सकता है. ये लाइब्रेरी के अंदर का वीडियो है और पुलिस छात्रों को पीटते हुए वहां से भगाने की कोशिश कर रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसी घटना का 29 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है... 16 फ़रवरी को शाम 5 बजे इंडिया टुडे ने अपने ‘एक्सक्लूज़िव’ प्रसारण में एक अन्य CCTV फ़ुटेज चलाया. जिसमें उन्होंने दावा किया कि ये वायरल वीडियो के चंद मिनटों पहले का सीन है...
'13 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामिया के छात्रों के प्रदर्शन के बाद 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हिंसा हुई थी, जहां पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था, साथ ही लाइब्रेरी में आंसू गैस फेंकी गयी थी. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में घुसने और लाठीचार्ज करने की बात से इनकार किया गया था, हालांकि 16 फरवरी को सामने आए एक वीडियो में पुलिस लाइब्रेरी के अंदर नजर आयी थी. इसी शाम एक दिल्ली पुलिस द्वारा एक अन्य वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उनके अनुसार ‘दंगाई’ लाइब्रेरी में घुसे थे. इस वीडियो में कई छात्र लाइब्रेरी में घुसकर दरवाजे के आगे फर्नीचर लगाकर उसे ब्लॉक कर रहे थे.
'दिल्ली पुलिस ने जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बीते 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया. आरोपपत्र में जेएनयू के पीएचडी छात्र शरजील इमाम पर उकसाने का आरोप लगाया गया है. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर की अदालत में आरोपपत्र दायर करते हुए पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं...'
'जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा 15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पुलिस के घुसने और हिंसा की फुटेज जारी करने के एक दिन बाद एक अन्य फुटेज सामने आयी है, जहां पुलिस छात्रों के लाइब्रेरी का दरवाजा ब्लॉक करने के बाद उसे तोड़कर अंदर घुसकर निहत्थे छात्रों पर लाठियां बरसाती नजर आ रही है. मकतूब मीडिया द्वारा जारी 5 मिनट लंबी यह वीडियो फुटेज ओल्ड रीडिंग हॉल के दरवाजे के पास लगे सीसीटीवी की है.
'2019 के लोकसभा चुनाव में एक जबरदस्त बहुमत के साथ जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक के बाद चार राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है. इन चारों राज्यों में भाजपा का एक ही फॉर्मूला था- राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़काने का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल. इसकी कमान सीधे नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हाथों मे थी जबकि आदित्यनाथ और कुछ स्थानीय नेता सहायक भूमिकाओं में थे. लेकिन पार्टी कहीं भी बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं रही...
'जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के संबंध में छात्रों के एक समूह ने दिल्ली पुलिस की निर्मम कार्रवाई को लेकर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पुलिस के जवान लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ रहे छात्रों पर बेरहमी से लाठियां बरसते नज़र आ रहे हैं. जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) द्वारा ट्विटर पर जारी 44 सेकेंड का यह वीडियो एक सीसीटीवी कैमरा की फुटेज का हिस्सा है, जिस पर 15 दिसंबर की तारीख और शाम के छह बजे का समय अंकित दिखता है...'
'दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र, नौमान रफीक ने आरोप लगाया है कि उनके पिता और उनकी बहन को दिल्ली के एक ओयो होटल में रहने की अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि उन्हें पता चला था कि वे कश्मीर से है। होटल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस के आदेशों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के मेहमानों को “चेक-इन” करने की अनुमति नहीं है...'