'उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक अज्ञात गुप्ता ने राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के प्राचार्य के नाम शुक्रवार को लिखे पत्र में बर्खास्त किए गए 26 आउटसोर्सिग स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा है, "आप लोगों द्वारा देश में मौजूद विषम हालात के बावजूद मनमाने तरीके से हड़ताल की जा रही है, जबकि वर्तमान समय में प्रदेश में एस्मा कानून लागू है। आपके इस कृत्य से राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। अत: अनुबंध के आधार पर सभी की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती हैं।"...'
'मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के कुछ संदिग्धों की जांच करने गई स्वास्थ्य विभाग की एक टीम पर पथराव हो गया. घटना इंदौर की है. इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है...'
'लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक पुलिस ने कथित तौर पर एम्बुलेंस को थलपडी से मंगलुरु नहीं जाने दिया जिसके कारण गंभीर रूप से बीमार दो और मरीजों की सोमवार को मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि कासरगोड-मंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाकेबंदी न खोले जाने से 50 वर्षीय एक पुरुष और 63 वर्षीय महिला की मौत हो गई...'
'इन झुग्गियों में रहने वाले एक 35 वर्षीय महिला रेखा बताती हैं कि यहां महिपालपुर का कूड़ा-कबाड़ उठाने वाले करीब 100 परिवार रहते हैं। यहां पानी की एक बूंद भी नहीं बची है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों से उनका बेटा और भतीजा एक निजी स्वामित्व वाले बोरवेल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस के भारी दबाव के कारण वह वहां तक नहीं पहुंच पा रहे। ‘द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत’ में रेखा ने कहा कि मेरे बेटे ने कुछ दिन पहले पानी लाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने बीच में ही भगा दिया, उसे लाठियों से मारा और उसे घर वापस जाने के लिए कहा। उन्होंने एक दिन पहले मेरे भतीजे के साथ भी ऐसा ही क
'उत्तर प्रदेश के बरेली से एक हैरान करने वाली खबर है. यहां कोरोना वायरस संकट के चलते बसों को साफ करने वाले एक कैमिकल से उन मजदूरों के एक झुंड को नहला दिया गया जो शहर में दाखिल हो रहे थे. इस कवायद का मकसद इन लोगों को कोरोना वायरस से मुक्त करना था. इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये सभी मजदूर और उनके परिवार दिल्ली, हरियाणा और नोएडा से विशेष बसों के जरिये बरेली पहुंचे थे...'
'कोरोना महामारी के चलते पलायन कर चुके लोगों के लौटने पर गांवों में दहशत है। लोग खुद पुलिस-प्रशासन को बुला रहे हैं। जगह-जगह गांव लौटे लोगों को 14 दिनों के लिए क्वारनटाइन किया जा रहा है...'
'जैसे-जैसे देश भर में कोविड-19 केसों की संख्या में तेज़ी आ रही है, स्वास्थ्य कर्मियों के काम करने के हालात ख़तरनाक स्थिति में पहुँच रहे हैं, क्योंकि वे उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) के बिना काम करने पर मजबूर हैं...'
'महाराष्ट्र के जलगांव में तेज बुखार और सांस संबंधी समस्या से जूझ रहे एक डॉक्टर को चार निजी अस्पतालों ने भर्ती करने से मना कर दिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा कि कहीं वह कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कई घंटों बाद जलगांव के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में उन्हें भर्ती किया गया, लेकिन इस देरी की वजह से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. जिला स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर डर और जानकारी के अभाव ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों में भी डर बढ़ा दिया है इसलिए वे कोरोना वायरस से मिलते-जुलते लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं...'
'कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसी बीच कन्नडा चैनल ‘पब्लिक TV’ ने 14 मार्च को एक न्यूज़ बुलेटिन दिखाया. इसमें दावा किया गया कि कर्नाटका, भटकाल में चार मुस्लिम युवक दुबई से लौटे हैं और उन्होंने धार्मिक कारणों से कोरोना का टेस्ट करवाने से मना किया है. हालांकि, प्रसारण का वीडियो ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से अब डिलीट कर दिया गया है मगर आप इसे नीचे देख सकते हैं...'
'देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का एक बयान सुर्खियों में है. इसमें उन्होंने धूप से कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया है. खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक धूप ज्यादा होती है. इसलिए सभी 10-15 मिनट धूप सेकें तो लाभ होगा. अश्विनी चौबे ने आगे कहा कि इससे विटामिन डी मिलता है और इम्यूनिटी भी बढ़ती है जिससे सभी तरह के वायरस खत्म होते हैं... अश्विनी चौबे इससे पहले गोमूत्र से कैंसर के इलाज का दावा करने के चलते भी सुर्खियों में रहे हैं.