'केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर आज अपनी एक फोटो को लेकर सुर्खियों में आ गए. अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट इस फोटो में वे रामानंद सागर का धारावाहिक रामायण देख रहे थे. प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा था, ‘मैं रामायण देख रहा हूं. क्या आप भी?’ 80 के दशक का यह मशहूर धारावाहिक आज से दूरदर्शन पर फिर शुरू हुआ है...'
'एक व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया में ये कहते हुए वायरल हो रही है कि ये व्यक्ति हिमालया आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के फ़ाउन्डर मोहम्मद मेनल हैं. दावा है कि ये अपनी आमदनी का 10% ‘जिहादियों’ को देते हैं. ट्विटर यूज़र भरत संघवी ने तस्वीर को इसी दावे से शेयर किया था. संघवी को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह फ़ॉलो करते हैं... हैन्डल ‘@Read_Bannaj’ ने एक और कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया कि हिमालया प्रोडक्ट का सभी हिन्दुओं को बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि इसका मालिक एक मुस्लिम व्यक्ति है और वो अपनी आय का 10% ‘आतंकवादियों’ को देता है.
'कई यूज़र्स ‘दिलावर शेख (@DilawarShaikh_)’ की एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. ट्वीट में शेख, हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए उन्हें काटने की बात कह रहे हैं. शेख ने खुद को ‘अल जज़ीरा का संवाददाता’, पहले ‘द वायर’ से जुड़ा हुआ और खुद को राणा आयूब से प्रभावित बताया है. हालांकि, उन्होंने अब अपना अकाउंट डिलीट कर दिया है... वेबसाइट ‘ऑपइंडिया’ ने भी ऐसे ही दावों वाला एक आर्टिकल प्रकाशित किया था. हालांकि उन्होंने बिना कोई वजह बताए इस आर्टिकल को डिलीट कर दिया है... शेख का ये दावा कि वो ‘अल जज़ीरा’ और ‘द वायर’ के साथ काम करते हैं, गलत है.
'सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के साथ ये दावा किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने विधायक को जूते से पीटा. शेषधर तिवारी नाम के ट्विटर यूज़र, जिनके 48 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं. उन्होंने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, “झाड़ू की मीटिंग चल रही थी और संजय सिंह ने अपने विधायक को जूते से पीटा उसके बाद तो विधायक जी ने संजय सिंह की अच्छी तरह से लात जूते से ख़ातिरदारी की। वह भाई, मज़ा आ गया। फ्री वालों के लिए फ्री मनोरंजन।”... एक कीवर्ड सर्च से इस वीडियो की सच्चाई सामने आ जाती है. ये घटना मार्च, 2019 की है. और ये दोनों भाजपा नेता शरद त्रिपाठी और राकेश सिंह बघेल हैं...'
'दिल्ली में हिंसा के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सोमवार को दो मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. मारपीट में जख्मी हुए एक युवक का कहना है कि हमलावरों ने उनके धर्म को लेकर उन्हें गालियां दी और गो हत्या का आरोप लगाया. साथ ही उसने बताया कि उन्होंने एसिड अटैक की धमकी भी दी. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बुधवार को सामने आया, जिसमें छह-सात लोग दो लोगों की बेरहमी से पिटाई करते हुए दिख रहे हैं...'
'तारिक फ़तह, सोशल मीडिया में सक्रिय एक प्रमुख नाम हैं, जिन्हें 6 लाख से अधिक लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं। कई अवसरों पर ये पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक सांप्रदायिक आधार पर, विशेष रूप से भारतीय मुसलमानों पर, निशाना साधने हुए गलत जानकारियां शेयर करते हुए पाए गए हैं। इससे भी अधिक चिंता की बात ये है कि भ्रामक सूचनाओं की सच्चाई बताए जाने के बावजूद फ़तह अपना ट्वीट डिलीट नहीं करते हैं। और तो और, हाल ही में उन्होंने कोशिश की कि उन्हें फॉलो करने वाले गुमराह ही रहें...'
'तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली चुनाव में हरिनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है. देर रात पार्टी ने उनके नाम का ऐलान किया... 34 साल के तेजिंदर बग्गा के ट्विटर पर 6.4 लाख फॉलोअर हैं. जब बीजेपी दिल्ली की पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं आया तो भी ट्विटर पर उनके पक्ष में एक मुहिम सी दिखी थी... लेकिन पहली बार बग्गा में चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने आम आदमी पार्टी के पुराने साथी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर हमला किया था... प्रशांत भूषण पर हमले के अलावा भी कई बार बग्गा सुर्खियों में रहे हैं...'
'फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ को लेकर न्यूज़-18 ने कुछ हैरान करने वाली जानकारियां दी हैं. न्यूज़-18 ने 8 जनवरी की रात 9 बजे फिल्म के एक कलाकार का मुस्लिम नाम बदल कर हिंदू किए जाने को लेकर एक फैक्ट चेक किया था. इसका शीर्षक था- ‘‘Fact Check: क्या सच में दीपिका की फिल्म छपाक में दोषी नदीम का नाम बदल कर राजेश कर दिया है?’’ अपने इस लेख में न्यूज़ 18 लिखता है, ‘‘मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया रहा है कि 'राजेश' फिल्म में एसिड फेंकने के किरदार का नाम नहीं है. जबकि राजेश और नदीम खान पूरे दिन ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में शामिल रहे.
'जेएनयू में बीते रविवार को हुई हिंसा पर घमासान जारी है. इस बीच इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर बताती है कि भाजपा समर्थित एबीवीपी के कम से कम छह पदाधिकारी, जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर, दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध एक कॉलेज के शिक्षक और दो पीएचडी छात्र तीन ऐसे वाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे जिनमें बीते रविवार को हिंसा की धमकी देते मैसेज चल रहे थे. हिंसा से पहले ये तीनों ग्रुप खूब सक्रिय थे. बल्कि इनमें तब भी मैसेज भेजे जा रहे थे जब नकाबपोश हमलावर जेएनयू कैंपस में घुसकर उपद्रव कर रहे थे...'
'नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। “हिंदू हूं चू*** नहीं” लिखा हुआ प्लेकार्ड (तख्ती) पकड़े एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर कई लोगों ने यह कहते हुए साझा की कि आंदोलन के दौरान हिंदू के रूप में दिख रहा वह व्यक्ति, मुस्लिम है। ट्विटर हैंडल (@TheBiongHead) ने एक सैयद मोहम्मद यासिर के ट्विटर प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट के बगल में उस आदमी की तस्वीर लगा दी और लिखा, “चेहरे में कोई समानता?”... हेमंत कामरा और अमृता मल्होत्रा, जिन्हें रेल मंत्री पीयूष गोयल का कार्यालय फॉलो करता है, ने भी इस पोस्ट को प्रसारित किया...