'देशभर में वैश्विक महामारी के कारण हुए संपूर्ण लॉकडाउन का सबसे अधिक असर मज़दूर पर ही पड़ा है। इनकी तकलीफों के देखते हुए सरकारों ने राहत देने के आदेश भी दिए हैं। लेकिन ज़मीन पर यह आदेश और सरकार के सभी दावे खोखले दिख रहे हैं। केंद्र सरकार के श्रम विभाग ने 20 मार्च, गृह मंत्रालय ने 29 मार्च व प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने 30 मार्च 2020 की अधिसूचनाओं में स्पष्ट गया किया है कि ऐसी स्थिति में मजदूरों के वेतन सहित सभी सुविधाएं समयानुसार प्रदान की जाएं व श्रम कानूनों की सख्ती से अनुपालना की जाए व इसकी अवहेलना करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। लेकिन मज़दूरों का कहना है मालिक मज़दूरों को किसी भी
'सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत इच्छुक खरीदारों से बोलियां मंगाई गई हैं. दो मई इनकी आखिरी तारीख है. डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने निविदा दस्तावेज में कहा है कि भारत सरकार बीपीसीएल में अपने 114.91 करोड़ इक्विटी शेयरों की रणनीतिक बिक्री का प्रस्ताव रखती है. यह बीपीसीएल के कुल शेयरों का 52.98 फीसद है...'
'सभी के लिए स्वास्थ्य और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति अंतर्राष्ट्रीय वचनबद्धता के बावजूद स्वास्थ्य का क्षेत्र अब सेवा के बजाय पूरी तरह से उद्योग में बदल चुका है। भारत में बिना मानक वाली दवाएं, आम लोगों की पहुंच से बाहर होती दवाएं, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था, निजीकरण को बढ़ावा, बाजार का दायरा बढ़ते जाना जैसे मुद्दे चुनौतियों के रूप में सामने हैं। ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए नीतिगत बदलाव के लिए दबाव बनाने, समुदाय को जागरूक करने और जन स्वास्थ्य अभियान की प्रक्रियाओं को तेज करने की जरूरत है। ये बातें भोपाल में आयोजित डॉ.
'निजीकरण की ओर कदम बढ़ाते रेलवे में आने वाले कुछ सालों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अगले 5 सालों के लिए तैयार किए गए रेलवे के प्लान के तहत 500 ट्रेनें निजी कंपनियों के हाथों में सौंपी जा सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 2025 तक अहम रूटों पर 500 ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का रोड मैप तैयार किया है। इसके अलावा 750 रेलवे स्टेशन भी रखरखाव के लिए निजी कंपनियों को सौंपे जा सकते हैं...'
'...हक़ीक़त तो यह है कि भारत में आर्थिक-असामनता का बढ़ना निरंतर जारी है। एक अर्थ में यह कह सकते हैं कि कुल संपदा में शीर्ष के 1% लोगों की स्थिति पूरी तरह से असंदिग्ध है, जैसा कि तथ्यों से जाहिर है कि बढ़ते आर्थिक-असमानता के मामले में ज़्यादातर विकसित और "नए उभरते" देशों के समूह से संबंधित देशों की तुलना में यहाँ पर यह ऊँचे स्तर पर बना हुआ है। वास्तविकता में इन विकसित और "नए उभरते" देशों के समूह में यदि पुतिन के रूस और बोल्सोनारो के ब्राज़ील को छोड़ दें तो, जिनके शीर्ष के 1% लोगों की धन सम्पदा का आबादी के बाकी हिस्सों से 2019 में भारत के 1% धनाड्य वर्ग से कहीं अधिक है, वर्ना बाकी के देशों की तुलन
'केंद्र सरकार की 'श्रम विरोधी' और 'जन विरोधी' नीतियों के ख़िलाफ़ आज, बुधवार को देशव्यापी आम हड़ताल का व्यापक असर रहा। यह हड़ताल प्रमुख रूप से श्रम सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजीकरण के खिलाफ थी। इसमें 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एटक, सीटू, ऐक्टू, सेवा, एचएमएस, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ यूटीयूसी और इंटक ने हिस्सा लिया। श्रम संगठनों ने इस हड़ताल को ऐतिहासिक बताया है। उनके दावे के मुताबिक इसमें करीब 25 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। यूनियनों की 12 सूत्रीय मांगों में न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे भी शामिल थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ हड़ताल में शामि
'कोयला खदान के लिए रास्ता बनाने के लिए 9 दिसंबर, 2019 को ओडिशा के संबलपुर जिले के तालाबीरा गांव में लगभग 40,000 पेड़ काट दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसी वर्ष 28 मार्च को एक ओपन कास्ट कोयला खनन परियोजना के लिए 1,038।187 हेक्टेयर वन भूमि देने की सहमति दी थी। डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के मुताबिक झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में नेयवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (एनएलसी) इंडिया लिमिटेड द्वारा परियोजना का संचालन किया जा रहा है। संबलपुर के मुख्य वन संरक्षक की साइट निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए 1,30,721 पेड़ों की कटाई होगी...'
'देश के जाने-माने उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा है कि देश में इस समय खौफ का माहौल है और लोग सरकार की आलोचना करने से डर रहे हैं. राहुल बजाज ने मुंबई के एक कार्यक्रम में यह बात कही. इस कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. इकोनॉमिक टाइम अवार्ड समारोह में राहुल बजाज ने नाथूराम गोडसे और प्रज्ञा ठाकुर प्रकरण को उठाते हुए कहा, ‘पहले तो प्रज्ञा ठाकुर को टिकट दिया गया ,फिर उन्हें डिफेंस कमेटी में लिया गया. ये माहौल जरूर हमारे मन में है, लेकिन इसके बारे में कोई बोलेगा नहीं.’ राहुल बजाज ने आगे कहा, ‘हमारे उद्योगपति दोस्तों में कोई नहीं बोलेगा, मैं खुले तौर पर इस बात को कहता हूं....
'भाजपा को साल 2018-19 में 700 करोड़ रुपये से अधिक चंदा मिला और इसका सबसे बड़ा हिस्सा 356 करोड़ रुपये टाटा समूह द्वारा नियंत्रित एक चुनावी ट्रस्ट से आया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक साल 2018-19 में भाजपा ने सभी चुनावी ट्रस्टों से लगभग 470 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जबकि 2017-18 में उन्होंने 167.80 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे. चुनावी ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी कंपनी होती है, जिसे प्राप्त अनुदान को विभिन्न राजनीतिक दलों को वितरित करने के एकमात्र उद्देश्य से स्थापित किया जाता है. चुनावी ट्रस्ट व्यक्तियों और निगमों या कॉरपोरेट से धन जुटा सकते हैं...'
'1 नवंबर को भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों की जांच शाखा, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कई कंपनियों द्वारा आयात में कथित मूल्य से अधिक का बिल बनाने (ओवर-इनवॉइसिंग) के बारे में अपनी जांच की स्थिति को स्पष्ट किया गया।इस आयात में- कोयले जैसी कैपिटल गुड्स और कच्चे माल की एक श्रृंखला शामिल थी, जिसे देश के बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों जैसे बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन, बंदरगाह और उर्वरक के क्षेत्र कार्यरत कंपनियों द्वारा किया गया था और वे पिछले छह वर्षों से डीआरआई के राडार पर थे। निदेशालय ने दावा किया है कि आयात की लागत को जानबूझकर और कृत्रि