"मुज़फ़्फ़रनगर दंगो से अखिलेश सरकार ने अगर कोई सबक लिया होता तो एक बार फिर से इस इलाके में पंचायतें बुलाकर दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान बाज़ी और दंगे करने की धमकी ना दी जाती ! मगर ऐसा लगता है की पिछली गलतियों से न सरकार ने कोई सबक लिया है न ही इन भड़काऊ तत्वों के हौसले कम हुए हैं ! प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं रह गयी है ! पिछली महापंचायतें उसको याद नहीं रही सरकार के खुफिया विभाग भी पंगु पड़े हैं शायद वरना एक बार फिर से दंगो की धमकी देने वाले की इतनी हिम्मत न होती की दुसरे समुदाय से कहता देश छुड़ा दूंगा!
"अब इस आधार पर कि लोगों ने भाजपा की अपनी उम्मीदों से भी ज्यादा वोट उसे दिया है और नरेंद्र मोदी ने ‘अधिकतम प्रशासन’ की शुरुआत कर दी है, बहुत सारे लोग यह सोच रहे थे कि हिंदुत्व के पुराने खेल की जरूरत नहीं पड़ेगी. अपने हाव-भाव और भाषणों के जरिए मोदी ने बड़ी कुशलता से ऐसा भ्रम बनाए भी रखा है. इसके नतीजे में मोदी के सबसे कट्टर आलोचक तक गलतफहमी के शिकार हो गए हैं. यहां तक कि जिन लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया है, उनमें से भी कइयों को ऐसा लगने लगा है कि मोदी शायद कारगर साबित हों.
'माकपा ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद से एक दर्जन से अधिक सांप्रदायिक हिंसा के मामले हो चुके हैं और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने जैसे ‘‘विभाजनकारी’’ मुद्दों को राजग सरकार उठा रही है. पार्टी महासचिव प्रकाश करात ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जहां लोग महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के कष्ट और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध जैसी गंभीर समस्याओं के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं भाजपा नीत सरकार की ऐसे मुद्दे उठाने में ज्यादा दिलचस्पी लगती है जो विभाजनकारी हैं।’’...
"मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी रहे और यूपी में बीजेपी के विधायक संगीत सोम एक बार फिर विवादों में हैं। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाने में डबल मर्डर केस में विधायक ने पुलिस को ही धमकी देते हुए कहा कि यदि मामला ठीक से नहीं संभला तो वे बवाल खड़ा कर देंगे..."
"अट्ठाईस साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहसिन सादिक शेख के जीवन का जिस तरह अंत हुआ, वह स्तब्ध कर देने वाली घटना है। कुछ युवकों ने उसे सरेआम पीट-पीट कर मार डाला। खबर है कि ये युवक हिंदू राष्ट्र सेना नाम के संगठन से जुड़े हुए थे और फेसबुक पर शिवाजी और बाल ठाकरे के चित्र आपत्तिजनक ढंग से पोस्ट किए जाने से नाराज थे। लेकिन इस पोस्ट से मोहसिन का कोई लेना-देना नहीं था। जाहिर है, मोहसिन पर हमला उसकी मुसलिम पहचान के कारण हुआ। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि असहिष्णुता किस कदर बढ़ रही है और कैसा खतरनाक रूप ले रही है। पुणे अपनी शांतिप्रियता और विविधता को सहज रूप से स्वीकार करने वाले शहर के रूप में जाना जाता
"पुणे के 28 वर्षीय मुस्लिम सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल की हत्या के मामले में हिंदू राष्ट्र सेना का नाम आने के बाद इसके प्रमुख धनंजय देसाई उर्फ भाई का नाम चर्चा में है. गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में जानकारी मांगे जाने के बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, लेकिन बताया जाता है कि केंद्र जवाब से संतुष्ट नहीं है. कभी मुंबई की विले पार्ले इलाके में सीमित हिंदू राष्ट्र सेना अब महाराष्ट्र में एक बड़े सांप्रदायिक संगठन में तब्दील हो चुका है. इस संगठन के प्रमुख 34 वर्षीय धनंजय देसाई उर्फ भाई का युवाओं पर अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है.
"शिवाजी और बाल ठाकरे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में आईटी प्रफेशनल मोहसिन शेख की हत्या के बाद पुणे में तनाव काफी बढ़ गया है। खबर आ रही है कि एक कट्टरपंथी संगठन से जुड़े और मोहसिन के हत्या आरोपियों ने वारदात के बाद एक मेसेज सर्कुलेट किया है, जिसमें लिखा है 'पहला विकेट गिरा।'..."
"जिला प्राधिकारियों ने कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान तथा 60 अन्य लोगों के खिलाफ मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए मामले दर्ज कराए हैं। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट इंद्रमणि त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुल 61 लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। इनमें बालियान, भाजपा के दो सांसद भारतेंदु सिंह और हुकुम सिंह, भाजपा विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा, खाप नेता नरेश टिकैत और हरिकिशन सिंह मलिक भी शामिल हैं..."
"पुणे में एक युवा आईटी प्रफेशनल की हत्या के आरोप में हिंदू राष्ट्र सेना के सात कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। 24 साल के मोहसिन सादिक शेख पर सोमवार को नमाज के बाद घर लौटते वक्त हमला हुआ। उस वक्त रियाज नाम का उनका दोस्त भी उनके साथ था। उसने मीडिया को बताया, 'सादिक पर हमला इसलिए हुआ क्योंकि उसने टोपी पहनी थी और उसकी दाढ़ी थी।'..."