'...दिल्ली दंगों में जिस मौत का सबसे ज़्यादा ज़िक्र हुआ वो थी 26 साल के अंकित शर्मा की मौत. इंटेलिजेंस ब्यूरो में कांस्टेबल पद पर तैनात अंकित शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को चांद बाग़ इलाक़े में मौजूद एक नाले से मिली थी... अंकित की मौत की ख़बर आते ही सनसनी फैल गयी. सनसनी असल में मौत के कारण नहीं बल्कि मौत की वीभत्सता को लेकर थी. बताया गया कि अंकित के शरीर पर 400 चाकुओं के निशान हैं. उसे 400 बार चाकू या और नुकीले हथियारों से गोदा गया और फिर उसकी लाश को नाले में फेंक दिया गया. सोशल मीडिया पर ये बात आग की तरह फैली.
'...दंगा प्रभावित इलाकों से गुजरते हुए द वायर जब चांदबाग पहुंचा तो वहां कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला कि दंगाइयों ने किस तरह हिंसा के बीच महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. ये महिलाएं समाज और पुलिस के डर से सामने नहीं आईं और न ही आना चाहती हैं. दंगाइयों की हैवानियत का शिकार हुईं इन पीड़ित महिलाओं में से कोई मां है, जिसकी दो बेटियों की शादी इसी साल होनी है, कोई अधेड़ उम्र की विधवा है, तो कोई नवविवाहिता. इन महिलाओं में इस कदर खौफ़ है कि अपने साथ हुई इस ज्यादती की शिकायत ये थाने में दर्ज नहीं कराना चाहतीं...'
'5 मार्च को प्राइवेट न्यूज़ चैनल ‘टाइम्स नाउ’ ने प्रसारण के दौरान एक वीडियो चलाया. वीडियो में दिल्ली दंगों के दौरान एक शख़्स को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. चैनल ने दावा किया – “दिल्ली हिंसा का नया वीडियो. रिपोर्ट के अनुसार ये मौजपुर का वीडियो है…पुलिस पर हमले का ये चौथा वीडियो.” चैनल ने इसे #ShaheenLynchModel हैशटैग के साथ ट्वीट किया... इसके एक दिन बाद भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने यही वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने ये दावा किया कि गोली चलाने वाला शख़्स मुस्लिम समुदाय का है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी द्वारा पुलिस पर गोलीबारी करने का एक और वीडियो.
'आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत का ज़िम्मेदार बताया गया है. शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को हुसैन के घर के पास वाले एक नाले में मिली थी. उसके बाद से आप नेता को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया और उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया है. इस पूरे दौरान दिल्ली में हुई हिंसा और ताहिर हुसैन से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स में पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों की अनदेखी की गई. ऐसी ही एक रिपोर्ट है ‘सुदर्शन न्यूज़’ की. 27 फ़रवरी को चैनल ने दो मिनट का एक वीडियो ट्वीट किया जिसके अनुसार वो ताहिर हुसैन के घर की ग्राउंड रिपोर्ट है.
'उत्तर–पूर्वी दिल्ली में दंगों पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हजारों लोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अपने पैतृक गांवों में चले गए हैं और हिंसा ‘एकतरफा और सुनियोजित’ थी. यह रिपोर्ट दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और सदस्य करतार सिंह कोच्चर के हिंसा प्रभावित इलाके के दौरे पर आधारित है. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा ‘एकतरफा और सुनियोजित’ थी, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों के मकानों और दुकानों को हुआ...'
'दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है...'
'लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस के सात सांसदों को बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है. इन सांसदों पर हंगामे और लोकसभा अध्यक्ष पर पेपर फेंकने का आरोप है... कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के निलंबन को बदले की भावना से उठाया गया कदम बताया है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार के इस ‘तानाशाही’ वाले फैसले से पार्टी झुकने वाली नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाती रहेगी. विपक्ष के दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की मांग पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि सरकार होली के बाद चर्चा के लिए तैयार है...'
'पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुए दंगों में करीब 50 लोगों के मारे जाने के साथ सैकड़ों लोग घायल हो गए. इस दंगे में लाखों-करोड़ों की निजी और सार्वजनिक संपत्ति का भी नुकसान हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उस्मानपुर के रहने वाले मोहम्मद अतीक की करावल नगर में अंडरगारमेंट्स की फैक्ट्री है जिसे बीते 25 फरवरी को आग लगा दी गई थी. अतीक ब्रह्मपुरी मंडल के भाजपा के अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष हैं. हालांकि, उनका कहना है कि दंगे में उनकी फैक्ट्री के जलने के बाद भी पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया है...'
'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान जनचौक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार सुशील मानव को एक समूह द्वारा रोककर मारपीट की गई और अपनी धार्मिक पहचान साबित करने को कहा गया. सुशील की आपबीती.'
'दिल्ली में हिंसा के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सोमवार को दो मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. मारपीट में जख्मी हुए एक युवक का कहना है कि हमलावरों ने उनके धर्म को लेकर उन्हें गालियां दी और गो हत्या का आरोप लगाया. साथ ही उसने बताया कि उन्होंने एसिड अटैक की धमकी भी दी. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बुधवार को सामने आया, जिसमें छह-सात लोग दो लोगों की बेरहमी से पिटाई करते हुए दिख रहे हैं...'