'तीन दिनों तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंदुत्ववादी नेताओं द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के विरोधियों पर हमला करने और उन्हें डराने के लिए इकट्ठा किए गए हथियारबंद गुंडों के कब्जे में रही. इन गिरोहों और इनके नेताओं का चरित्र ऐसा था कि इस हिंसा ने जल्दी ही किसी ‘राजनीतिक मकसद’ का दिखावा भी त्याग दिया और यह मुसलमानों के खिलाफ एक नंगे सांप्रदायिक बलवे में तब्दील हो गयी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार- जिसके जिम्मे राष्ट्रीय राजधानी की कानून और व्यवस्था है- की नाक के नीचे मची अंधेरगर्दी और अराजकता में एक पुलिसकर्मी सहित 35 से अधिक लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं...'
'नागौर ज़िले की खींवसर तहसील का तांतवास गांव. रेत के छोटे-मोटे धोरों और खेतों के बीच बने इकलौते घर से रह-रह कर सात महीने की किरण (बदला हुआ नाम) के रोने की आवाज़ आ रही है. यहां मौजूद महिलाएं बताती हैं कि ‘किरण की मां सोहनी ने तीन-चार दिन से कुछ खाया-पिया नहीं है, इसलिए उन्हें दूध नहीं उतर रहा है. किरण ऊपर का दूध नहीं पीती, सो वह कल से ही भूख के मारे रोए जा रही है.’ किरण विसाराम/विसालाराम की बेटी है जिनके साथ बीती 16 फरवरी को कुछ लोगों ने चोरी के इल्ज़ाम में घंटों तक बर्बरता से मारपीट की और उनके गुप्तांग में पेट्रोल डाल दिया. बाद में इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था.
'पुलवामा हमले की साजिश में पकड़े गए एक आरोपित को कोर्ट से जमानत मिल गई है. ऐसा इसलिए हुआ कि मामले की जांच कर रही एनआईए इस मामले में एक साल बाद भी चार्जशीट पेश नहीं कर सकी. इसके बाद पुलवामा के ही रहने वाले और मामले में आरोपित युसुफ चोपान ने जमानत की अर्जी दी थी. दिल्ली के पटियाला हाउस एनआईए कोर्ट में उसके वकील ने कोर्ट में कहा कि युसुफ को हिरासत में 180 दिन हो गए हैं और अभी तक एनआईए की ओर से चार्जशीट पेश नहीं की गई है जिससे जमानत का आधार बनता है. इसके बाद अदालत ने आरोपित को 50 हजार के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी. साथ ही उसे आदेश दिया गया कि वह जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करे...'
'दिल्ली हाईकोर्ट में दंगों के मामले मामले की बुधवार और गुरुवार की कार्यवाहियों के अंतर ने स्पष्ट कर दिया है कि कैसे अदालत में बेंच की संरचना किसी मामले के नतीजे को प्रभावित कर सकती है, दो अलग-अलग दृष्टिकोणों को भी जन्म दे सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भड़काऊ या नफरत फैलाने वाले भाषणों (हेट स्पीच) के खिलाफ की गई कार्रवाई पर जानकारी देने के लिए गुरुवार को केंद्र सरकार को एक महीने समय दिया है। आरोपों में कहा जा रहा है कि इन्हीं भाषणों की वजह से दिल्ली में हिंसा भड़की है। हिंसा में कम से कम 35 लोगों की मौत होने और 200 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। एक दिन पहले, न्यायमूर्ति एस मुरलीधर
'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के लिए आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उनकी सदस्यता निलंबित कर दी है. ताहिर हुसैन दिल्ली के नेहरू विहार इलाके से पार्षद हैं... अंकित शर्मा का शव एक नाले से बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत धारदार हथियार से लगी चोटों के चलते हुई. उनके पिता रविंदर शर्मा ने इस हत्या का आरोप ताहिर हुसैन पर लगाया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे को गोली भी मारी गई. उधर, ताहिर हुसैन ने इस आरोप का खंडन किया है.
'दिल्ली की हिंसा को नहीं रोक पाने और निष्क्रियता की भारी आलोचना के बीच, ऐसी ख़बर है कि दिल्ली पुलिस ने एक थाने में उन वकीलों से मारपीट की जो गिरफ़्तार किए गए लोगों से मिलने गए थे। उत्तरी दिल्ली के खुरेजी में में नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ़्तार कर जगतपुरी पुलिस थाने ले जाया गया। वकीलों के एक समूह को इसका पता चला और वे सीआरपीसी की धारा 41D के तहत एक आवेदन के साथ इस थाने पर पहुंचे ताकि वे उन लोगों से मिल सकें जिनको गिरफ़्तार किया गया है। वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने गिरफ़्तार हुए लोगों से मिलने के उनके आग्रह को यह कहते हुए नहीं माना कि एसएचओ थाने में नही
'नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन मामले में दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस बीच जस्टिस एस. मुरलीधर को दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है. जस्टिस मुरलीधर के तबादले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए तो केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया... जस्टिस एस. मुरलीधर ने साल 2003 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. उन्होंने साल 2004 में 'लॉ, पॉवर्टी एंड लीगल एड: एक्सेस टू क्रमिनिल जस्टिस' नाम की एक किताब भी लिखी है... जस्टिस एस.
'दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया है। जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली में लगातार बढ़ रही हिंसक गतिविधियों को देखते हुए आधी रात को कोर्ट खोल कर पीड़ितों को जरूरी इलाज मिले यह सुनिश्चित किया और आज दोपहर को उन्होंने सुनवाई करते हुए बीजेपी के तीन नेताओं अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और कपिल मिश्रा पर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे... जस्टिस मुरलीधर कड़े फैसले देने वाले जजों में से माने जाते हैं। उन्होंने हाशिमपुरा नरसंहार मामले, 1984 में हुए सिख दंगों में शामिल रहे सज्जन कुमार के मामले में भी फैसला सुनाया था। अब उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया है...'
'25 फ़रवरी के ट्विटर ट्रेंड्स में ‘mosque’ और ‘Rana Ayyub’ टॉप पर रहा. ये तब हुआ जब अयूब ने एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में कुछ लोगों को एक मस्जिद पर हनुमान झंडा लहराते हुए ‘जय श्री राम’ और ‘हिंदुओं का हिंदुस्तान’ नारे लगाते हुए सुना जा सकता है. अयूब ने बाद में इस वीडियो को तहसीन पूनावाला के दावे के बाद डिलीट कर दिया. तहसीन का दावा था कि इस वीडियो का नागरिकता संशोधन कानून से कोई लेना देना नहीं है. अयूब ने इस वीडियो की पुष्टि करने के बाद इसे फ़िर से शेयर किया है...'
'उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इनमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल हैं. दिल्ली के कई अस्पतालों में इस हिंसा में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है, वहीं मृतकों के परिजनों ने कहा है कि इस हिंसा के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा जिम्मेदार हैं. जीटीबी अस्पताल में बैठे हरि सिंह सोलंकी ने इस हिंसा में अपने बेटे राहुल सोलंकी को खोया है. 26 साल के राहुल घर से किराने का सामान लेने निकले थे, जब लौटते समय एक गोली उनके गले में आकर लगी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सोलंकी के परिजन हिंसा भड़काने के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा को जिम्मेदार मानते हैं.