'...दिल्ली दंगों में जिस मौत का सबसे ज़्यादा ज़िक्र हुआ वो थी 26 साल के अंकित शर्मा की मौत. इंटेलिजेंस ब्यूरो में कांस्टेबल पद पर तैनात अंकित शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को चांद बाग़ इलाक़े में मौजूद एक नाले से मिली थी... अंकित की मौत की ख़बर आते ही सनसनी फैल गयी. सनसनी असल में मौत के कारण नहीं बल्कि मौत की वीभत्सता को लेकर थी. बताया गया कि अंकित के शरीर पर 400 चाकुओं के निशान हैं. उसे 400 बार चाकू या और नुकीले हथियारों से गोदा गया और फिर उसकी लाश को नाले में फेंक दिया गया. सोशल मीडिया पर ये बात आग की तरह फैली. यहां से सब कुछ शुरू हुआ और इस 400 बार चाकू मारने की बात ने सफ़र तय करते-करते लोक सभा में कदम रखा और रिकॉर्ड में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई. 11 मार्च 2020 को लोक सभा में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित किया. यहां उन्होंने देश को यकीन दिलाने की कोशिश की कि पुलिस अपना काम कर रही है और दंगाइयों को, फिर वो चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जायेगा. अपने लम्बे भाषण के दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को संबोधित करते हुए अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे जाने की बात कह दी...'