'जस्टिस एपी शाह ने कहा कि इन पांच छह सालों में सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर जमकर बट्टा लगा है। जस्टिस कुरियन जोसफ के मुताबिक पूर्व सीजेआई द्वारा राज्यसभा मनोनयन को स्वीकार करने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता में आम आदमी का विश्वास डिगा है। जस्टिस मदन बी लोकुर ने सवाल किया कि क्या आखिरी पिलर भी ढह गया है?...'