"अट्ठाईस साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहसिन सादिक शेख के जीवन का जिस तरह अंत हुआ, वह स्तब्ध कर देने वाली घटना है। कुछ युवकों ने उसे सरेआम पीट-पीट कर मार डाला। खबर है कि ये युवक हिंदू राष्ट्र सेना नाम के संगठन से जुड़े हुए थे और फेसबुक पर शिवाजी और बाल ठाकरे के चित्र आपत्तिजनक ढंग से पोस्ट किए जाने से नाराज थे। लेकिन इस पोस्ट से मोहसिन का कोई लेना-देना नहीं था। जाहिर है, मोहसिन पर हमला उसकी मुसलिम पहचान के कारण हुआ। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि असहिष्णुता किस कदर बढ़ रही है और कैसा खतरनाक रूप ले रही है। पुणे अपनी शांतिप्रियता और विविधता को सहज रूप से स्वीकार करने वाले शहर के रूप में जाना जाता रहा है। मोहसिन की हत्या ने पुणे की इस प्रतिष्ठा पर बट्टा लगाया है। अगर हमला कथित आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले व्यक्ति पर हुआ होता, तब भी वह निंदनीय होता।..."