'जम्मू कश्मीर पुलिस उन लोगों के खिलाफ कठोर यूएपीए कानून का इस्तेमाल कर रही है जो कथित तौर पर सोशल मीडिया वेबसाइट इस्तेमाल करने के लिए वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं. द वायर ने पहले ही रिपोर्ट कर बताया था कि घाटी में इंटरनेट को आंशिक तौर पर बहाल किया गया है और सिर्फ करीब 350 वेबसाइट्स को ही इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है. सभी सोशल मीडिया साइट्स को बैन कर दिया गया है और यह पहला ऐसा मौका है जब प्रतिबंध तोड़ने के चलते एफआईआर दर्ज किया गया है...'