'सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में हाई कोर्ट से बरी हुए 12 लोगों को दोषी करार दिया है. न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज सीबीआई और गुजरात सरकार की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया. पांड्या की हत्या 26 मार्च को कर दी गई थी. सीबीआई का दावा है कि राज्य में 2002 के सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई थी लेकिन “पांड्या के पिता विट्ठलभाई पांड्या ने सरेआम मोदी पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए इससे संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी”. 2007 में इस मामले पर फैसला सुनाते हुए, विशेष अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन 29 अगस्त 2011 को गुजरात हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. सीबीआई ने 2012 में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. नीचे प्रस्तुत है मार्च 2012 में कारवां में प्रकाशित “बेताज बादशाहः नरेन्द्र मोदी का उदय” का वह अंश जो पांड्या की हत्या से जुड़े रहस्यों की पड़ताल करता है...'