'गोरखपुर के मशहूर डॉक्टर कफील पर एनएसए लगाया गया है। एएमयू के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के साथी चिकित्सकों ने उनपर से एनएसए हटाने की मांग की है। पर डॉ. कफील के मामले में आईएमए हमेशा गोल रहता है। बंगाल में चिकित्सकों का मामला हो खूब सक्रिय रहने वाला आईएमए डॉ. कफील के मामले में चुप्पी साधे रहता है। IMA इस बार भी गोल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डॉक्टरों पर लड़कियां और तोहफे लेने के गंभीर आरोप लगाए थे। उस दौरान IMA एकदम सख्त नजर आया था लेकिन अभी तक पीएमओ ने सफाई दी है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन डॉ.
'13 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामिया के छात्रों के प्रदर्शन के बाद 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हिंसा हुई थी, जहां पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था, साथ ही लाइब्रेरी में आंसू गैस फेंकी गयी थी. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में घुसने और लाठीचार्ज करने की बात से इनकार किया गया था, हालांकि 16 फरवरी को सामने आए एक वीडियो में पुलिस लाइब्रेरी के अंदर नजर आयी थी. इसी शाम एक दिल्ली पुलिस द्वारा एक अन्य वीडियो जारी किया गया था, जिसमें उनके अनुसार ‘दंगाई’ लाइब्रेरी में घुसे थे. इस वीडियो में कई छात्र लाइब्रेरी में घुसकर दरवाजे के आगे फर्नीचर लगाकर उसे ब्लॉक कर रहे थे.
'राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष बिमल कुमार रॉय ने करीब एक महीने पहले कहा था कि चार दशकों में पहली बार उपभोक्ता खर्च में आई कमी दिखाने वाली आधिकारिक सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी लेकिन अब स्वायत्त संस्था ने रिपोर्ट न जारी करने का फैसला किया है. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, रॉय ने कहा, ‘मैं कोशिश की. (15 जनवरी की एनएससी बैठक में) सर्वे को जारी करने के लिए मैंने एक प्रस्ताव दिया लेकिन मुझे कोई समर्थन नहीं मिला. मैंने अध्यक्ष के रूप में प्रस्ताव रखा था, लेकिन यह नहीं हुआ.
'दिल्ली पुलिस ने जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बीते 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया. आरोपपत्र में जेएनयू के पीएचडी छात्र शरजील इमाम पर उकसाने का आरोप लगाया गया है. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर की अदालत में आरोपपत्र दायर करते हुए पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं...'
'सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के दिल्ली हाईकोर्ट के 2010 के आदेश का पालन नहीं करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि इसके खिलाफ केंद्र के तर्क लैंगिक पूर्वाग्रहों पर आधारित थे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सशस्त्र बलों में महिलाओं के योगदान के मामलों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र को महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि सेना में स्थायी कमीशन का चुनाव करने वाली सभी महिला अधिकारियों को तीन महीने के भीतर स्थायी कमीशन दिया जाए...'
'जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा 15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पुलिस के घुसने और हिंसा की फुटेज जारी करने के एक दिन बाद एक अन्य फुटेज सामने आयी है, जहां पुलिस छात्रों के लाइब्रेरी का दरवाजा ब्लॉक करने के बाद उसे तोड़कर अंदर घुसकर निहत्थे छात्रों पर लाठियां बरसाती नजर आ रही है. मकतूब मीडिया द्वारा जारी 5 मिनट लंबी यह वीडियो फुटेज ओल्ड रीडिंग हॉल के दरवाजे के पास लगे सीसीटीवी की है.
'केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर की स्थिति में बदलाव किए जाने के तुरंत बाद लेबर पार्टी की सांसद एवं कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय दल की अध्यक्ष डेब्बी अब्राहम ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के विश्वास को धोखा देती है...'
'3 कश्मीरी छात्रों को 15 फरवरी के दिन देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. अब हुबली-धारवाड़ पुलिस कमिश्नर आर दिलीप ने क्विंट को बताया है कि 17 फरवरी को उन छात्रों को कोर्ट ने 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. जब इन छात्रों को कोर्ट ले जाया जा रहा था तभी कथित तौर पर कुछ हिंदूवादी संगठनों ने इन छात्रों पर हमला करने की कोशिश की. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा... हुबली के बार एसोसिएशन ने आपसी सहमति से तय किया है कि वो इन कश्मीरी छात्रों का केस नहीं लड़ेंगे...'
'जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के संबंध में छात्रों के एक समूह ने दिल्ली पुलिस की निर्मम कार्रवाई को लेकर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पुलिस के जवान लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ रहे छात्रों पर बेरहमी से लाठियां बरसते नज़र आ रहे हैं. जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) द्वारा ट्विटर पर जारी 44 सेकेंड का यह वीडियो एक सीसीटीवी कैमरा की फुटेज का हिस्सा है, जिस पर 15 दिसंबर की तारीख और शाम के छह बजे का समय अंकित दिखता है...'
'कर्नाटक के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहे कश्मीर के तीन छात्रों को पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हुबली जिले के केएलई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने कथित तौर पर पाक समर्थित नारे लगाते हुए सोशल मीडिया पर उसका वीडियो पोस्ट किया था...'