'भाजपा को साल 2018-19 में 700 करोड़ रुपये से अधिक चंदा मिला और इसका सबसे बड़ा हिस्सा 356 करोड़ रुपये टाटा समूह द्वारा नियंत्रित एक चुनावी ट्रस्ट से आया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक साल 2018-19 में भाजपा ने सभी चुनावी ट्रस्टों से लगभग 470 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जबकि 2017-18 में उन्होंने 167.80 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे. चुनावी ट्रस्ट एक गैर-लाभकारी कंपनी होती है, जिसे प्राप्त अनुदान को विभिन्न राजनीतिक दलों को वितरित करने के एकमात्र उद्देश्य से स्थापित किया जाता है. चुनावी ट्रस्ट व्यक्तियों और निगमों या कॉरपोरेट से धन जुटा सकते हैं...'
'अमीरों की लिस्ट की घोषणा औद्योगिक जगत और मीडिया में इनके पिट्ठुओं को पीठ थपथपाने और जीत के खुल्लम-खुल्ला प्रदर्शन का इशारा होता है। इसे ऐसे देखा जाता है जैसे भारत शानदार प्रदर्शन कर रहा है और अच्छे दिन आ चुके हैं, हालांकि ऐसी लिस्ट में देश के 130 करोड़ लोगो में से महज 100 (जैसा फोर्ब्स इंडिया की लिस्ट में) लोग या थोड़े ज्यादा (IIFL ह्यूरन लिस्ट में) ही होते है। व्यक्तिगत बात करने से पहले बता दें कि 2014 से 2019 के बीच 100 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 25 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 32 लाख करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। यह 31 फीसदी का उछाल है। इन 100 लोगों के पास जीडीपी के 6 फीसदी के बराबर संपत्ति है
"क्या नरेंद्र मोदी सरकार रिलायंस इंडस्ट्रीज को केजी बेसिन विवाद मामले में उस पर लगाई गई पेनाल्टी से राहत दिलाने की कोशिश कर रही है? पिछले कुछ दिनों के दौरान इस संबंध में जो घटनाक्रम सामने आए हैं, वह इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज पर लगाई गई अतिरिक्त 1.7 अरब डॉलर की पेनाल्टी को लेकर गंभीर मतभेद हैं। सीएजी राष्ट्रपति को सौंपी अपनी अंतिम रिपोर्ट पर अड़ा है। उसका कहना है कि रिलायंस पर लगाई गई पेनाल्टी जायज है।..."
"कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) ने गुजरात सरकार पर रिलायंस और अदानी सहित कई दूसरी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। कैग ने अपनी रिपोर्टों में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा करीब 25 हजार करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताएं की गईं और इनमें से 1500 करोड़ रुपए का इस्तेमाल रिलायंस पेट्रोलियम, एस्सार पावर और अदानी ग्रुप सहित अन्य कई कंपनियों को फायदा पहुंचाने में किया गया। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिलायंस को पहुंचाया फायदा.
"कभी आपने सोचा है कि क्यों आप अभी गैस के लिए 4.2$ दे रहे हैं? गैस के कुएं अम्बानी को कैसे मिला? सरकार ने क्या किया? क्या है KG बेसिन? नहीं ना! तो आईए अब जान लीजिए… क्योंकि यह गैस आपको और रूलाने वाला है. आपके घरेलू बजट पर ज़बरदस्त डाका डालने वाला है…"
"नरेंद्र मोदी सरकार ने रिलायंस को 8 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर गैस बेचने की मंजूरी देने का मन बना लिया है। इसका मतलब है कि गैस की कीमतों में 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। नई कीमतें एक जुलाई से लागू करने की योजना है..."
"अंबानी द्वारा नेटवर्क18 और टीवी18 पर कब्जा जमा लेने के बाद पुराने प्रबंधकों के जाने का जो क्रम शुरू हुआ है वह आगे भी जारी रहेगा. सूत्रों का कहना है कि राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष के साथ-साथ हाल में ही आईबीएन7 से जुड़े विनोद दुआ की भी विदाई होगी. राजदीप सरदेसाई सीएनएन-आईबीएन के एडिटर इन चीफ हैं. सागरिका घोष भी इसी चैनल में वरिष्ठ पद पर हैं..."
"16वीं लोकसभा के चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के कॉरपोरेट प्रेम को स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। द नीलसन/इकोनॉमिक्स टाइम्स समाचारपत्र की ओर से किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 100 उद्योगपतियों में से 74% उद्योगपति नरेन्द्र मोदी को अगले पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। देश-विदेश की सारी कॉर्पोरेट शक्तियां लम्बे समय से पीएम पद के लिए नमो नमो का जाप करते नहीं थक रही हैं..."
"लगता है इस वर्ष के मध्य में होने जा रहे लोकसभा चुनाव ऐसे कई परिवर्तनों की शुरुआत करने वाले हैं जिनसे भारतीय लोकतंत्र का चेहरा निर्णायक रूप से बदल जाएगा. यह पहले से ही सांप्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रीयता के संकट में चल रहे भारतीय लोकतंत्र के संकट को घटाने की जगह और बढ़ा देगा... इस पद्धति की विशेषता यह है कि इसमें प्रचार की जबर्दस्त भूमिका रहती है और उसके लिए पैसा जरूरी होता है. कहने की जरूरत नहीं कि यह पैसा पूंजीपतियों के द्वारा दिया जाता है. राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने की वैधता के चलते कुछ छिपा भी नहीं रहता.