'नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शुरू हुए आंदोलन का हासिल यह है कि आज हर कोई यह सवाल कर रहा कि आख़िर इस क़ानून की ज़रूरत क्या थी, एनआरसी क्यों लाई जाएगी. इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि अगर वोटर कार्ड है, आधार है तो अब रजिस्ट्रेशन किस बात का... एक जागरूक नागरिक होने के नाते हमें इस बात से कोई गुरेज़ नहीं कि प्रताड़ित शरणार्थियों को आसरा देना चाहिए, पर मुसलमानों के लिए सबसे भावुक विषय यह है कि इस लिस्ट में हर वह वर्ग है, जो भारतीय जनसंख्या का हिस्सा है सिवाय मुसलमान के, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला समुदाय है.
'पांडिचेरी विश्वविद्यालय (Pondicherry University) की गोल्ड मेडल विजेता छात्रा रबीहा अब्दुरहीम (Rabeeha Abdurehim) का आरोप है कि उसे सोमवार को हुए दीक्षांत समारोह में शामिल होने से रोका गया, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे. केरल की निवासी रबीहा ने मास कम्युनिकेशन से मास्टर डिग्री पूरी की, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया...'
'उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें महिला कार्यकर्ता सदफ़ जफर भी हैं. नागरिकता कानून के विरोध में 19 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में 34 लोगों के नाम हैं, जिनमें सदफ़ जफर, वकील मोहम्मद शोएब, ऋषि मंच के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कबीर भी हैं. सदफ़ कांग्रेस की मीडिया प्रवक्ता भी हैं. द क्विंट के मुताबिक, सदफ़ के परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी लाठियों से पिटाई की.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जो सिटीजनशिप एक्ट का विरोध कर रहे हैं उन्हें कपड़ों से पहचानिये। उनका बयान साफ तौर पर धार्मिक विभाजन का इशारा कर रहा था। अब कपड़ों की आड़ में दंगा फैलाते एक भाजपा कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अपने पांच सहयोगियों सहित गिरफ्तार किया गया है...'
'नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर हिंसा को तूल देने का कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि विपक्ष की हरकतों से यह साबित हो गया है कि इस विधेयक को पारित करना ‘हजार प्रतिशत सही’ था... उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और उसके साथी तूफान खड़ा कर रहे हैं, उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं. ये जो आग लगा रहे हैं, ये कौन है उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है...'
'झारखंड में हुए तबरेज अंसारी हत्या मामले में उच्च न्यायालय ने छह आरोपियों को जमानत दे दी है। बता दें कि सरायकेला में चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या मामले में छह आरोपियों को मंगलवार (10 दिसंबर) को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई...'
'बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शिक्षकों के खिलाफ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना दलित सहायक प्रोफेसर शांतिलाल सालवी पर हमले की सामने आई है। 9 दिसंबर सोमवार को छात्रों ने साहित्य विभाग, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के एक दलित सहायक प्रोफेसर शांतिलाल सालवी पर हमला किया, जिसके बाद प्रोफेसर किसी तरह जान बचाकर भागे। बता दें कि इस समय बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में डॉ.
'नागरिकता (संशोधन) विधेयक चुनिंदा श्रेणियों के अवैध प्रवासियों को नागरिकता का पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 को संशोधित करने के लिए है। इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं करने पर विपक्ष, अल्पसंख्यक संगठनों और अन्य ने सरकार पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को अपनी मंजूरी दे दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस विधेयक के संसद में पारित होकर कानून बन जाने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न के शिकार हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनों और बौद्ध अनुयाइयों को भारत की नागरिकता दी जा सकेगी...'
'गुजरात के वडोदरा के वसना इलाके में विरोध के चलते एक शख्स को अपना मकान मुस्लिम युवक को बेचे जाने का फैसला बदलना पड़ा. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोसाइटी के लोगों ने यह कहते हुए मुस्लिम युवक को मकान बेचे जाने का विरोध किया कि इससे इलाके में संपत्ति की कीमतों में गिरावट आएगी. यह मामला वडोदरा की समर्पण सोसाइटी का है, जहां डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट का हवाला देकर सोसाइटी के सदस्यों ने मुस्लिम युवक को मकान बेचे जाने पर आपत्ति जताई.
'राजस्थान के अलवर जिले में तैनात नौ मुस्लिम पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने की मनाही वाला फैसला वापस ले लिया गया है. अब पुलिसकर्मियों के लिए दाढ़ी रखने की मंजूरी बरकरार रहेगी... अलवर पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल सहित कुल 32 पुलिसकर्मियों को दाढ़ी रखने की अनुमति दी गई थी लेकिन प्रशासनिक आधार पर इनमें से नौ पुलिसकर्मियों के दाढ़ी रखने पर मंजूरी वापस ले ली गई थी. हालांकि, सभी नौ पुलिसकर्मियों को अब दाढ़ी रखने की मंजूरी दे दी गई है.’...'