'उत्तर प्रदेश के बरेली से एक हैरान करने वाली खबर है. यहां कोरोना वायरस संकट के चलते बसों को साफ करने वाले एक कैमिकल से उन मजदूरों के एक झुंड को नहला दिया गया जो शहर में दाखिल हो रहे थे. इस कवायद का मकसद इन लोगों को कोरोना वायरस से मुक्त करना था. इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये सभी मजदूर और उनके परिवार दिल्ली, हरियाणा और नोएडा से विशेष बसों के जरिये बरेली पहुंचे थे...'
'जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें घाटी में प्रदर्शनों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की गई थी. जस्टिस अली मोहम्मद मागरे और जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘यह स्पष्ट है कि जब तक अनियंत्रित भीड़ द्वारा हिंसा की जाती है, बल का इस्तेमाल अपरिहार्य होता है.’...'
'उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर राजधानी लखनऊ में लगे पोस्टरों के मामले में योगी सरकार को झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उससे ये पोस्टर हटाने को कहा है. अदालत ने इस कदम को अवैध और मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए लखनऊ प्रशासन से 16 मार्च तक इस मामले में रिपोर्ट भी तलब की है. पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में 53 लोगों के नाम, उनकी तस्वीरें और उनके पते छपे हैं. इनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर समेत कई चर्चित नाम भी हैं...'
'सरकार द्वारा महीनों बाद कम स्पीड वाले इंटरनेट को बहाल करने के बाद कश्मीर में "सफ़ेदसूचीबद्ध" (व्हाइटलिस्टेड) वेबसाइटों तक पहुंच काफ़ी कम हो गई है क्योंकि, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क्स (वीपीएन) ने जो राहत प्रदान की थी वह कुछ क्षण के बाद बंद कर दी गई और अब क्षेत्र के स्थानीय लोग फिर से इंटरनेट की सीमित पहुंच से जूझ रहे हैं। प्रशासन ने कश्मीर में वीपीएन के उपयोग पर रोक लगा दी है, घाटी में मौजूद लगभग सभी पर दूरसंचार कंपनियों ने रोक लगा दी हैं। निवासियों का कहना है कि वीपीएन को अवरुद्ध करने से उनका "सफ़ेदसूचीबद्ध" वेबसाइटों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है क्योंकि ये वेबसाइट अचानक कम हुए बैंडविड्थ क
'संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. इसमें उसने अनुरोध किया है कि शीर्ष अदालत में चल रहे इस मामले में उसे भी एक पक्ष बनाया जाए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी. खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘जिनेवा में हमारे स्थायी दूतावास को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सूचित किया कि उनके कार्यालय ने सीएए के संबंध में भारत के उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है.’...'
'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 24 फरवरी को आगरा आगमन प्रस्तावित है। उनके स्वागत में मार्ग पर दोनों तरफ 26 हजार बच्चों को खड़ा रखने की योजना है। बच्चों को जुटाने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के साथ पुलिस को दी गई है। पुलिस अधिकारी स्कूलों में पहुंचकर बैठकें कर रहे हैं। ट्रंप के स्वागत में स्कूली बच्चे लगभग पांच घंटे खड़े रहेंगे। डोनाल्ड ट्रंप शाम करीब 4:30 बजे आगर आएंगे और शाम 6:30 बजे ताजमहल से चल देंगे। खेरिया हवाई अड्डे से ताजमहल की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। उनके स्वागत के लिए अजीतनगर गेट से शिल्पग्राम तक सड़क पर दोनों तरफ स्कूली बच्चों को खड़ा रखने की योजना है...'
'जम्मू कश्मीर पुलिस उन लोगों के खिलाफ कठोर यूएपीए कानून का इस्तेमाल कर रही है जो कथित तौर पर सोशल मीडिया वेबसाइट इस्तेमाल करने के लिए वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं. द वायर ने पहले ही रिपोर्ट कर बताया था कि घाटी में इंटरनेट को आंशिक तौर पर बहाल किया गया है और सिर्फ करीब 350 वेबसाइट्स को ही इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है. सभी सोशल मीडिया साइट्स को बैन कर दिया गया है और यह पहला ऐसा मौका है जब प्रतिबंध तोड़ने के चलते एफआईआर दर्ज किया गया है...'
'केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर की स्थिति में बदलाव किए जाने के तुरंत बाद लेबर पार्टी की सांसद एवं कश्मीर पर सर्वदलीय संसदीय दल की अध्यक्ष डेब्बी अब्राहम ने ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि यह कार्रवाई कश्मीर के लोगों के विश्वास को धोखा देती है...'
'CJP असम में एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को निशुल्क कानूनी सहायता देने के साथ ही 3 साल से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले लोगों की सुरक्षित रिहाई में मदद कर रहा है, यहां से खबर आ रही है कि प्रशासन डिटेंशन कैंप में बंद लोगों को उचित पोषण नहीं दे रहा है...'
'नज़्बुन्निसा सिंगल मदर हैं जो दूसरों के घरों में काम कर गुज़ारा करती हैं. उन्होंने हमें अपना पूरा नाम नहीं बताया. नज़्बुन्निसा और फ़रीदा बेगम को 30 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था. फ़रीदा उस स्कूल में टीचर हैं जहां उनकी बेटी पढ़ाई करती है. दोनों महिलाओं पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है जिससे दोनों इनकार करती रही हैं. कर्नाटक के उत्तर में बसे बीदर ज़िले की जेल में मेरी उनसे मुलाक़ात हुई. जेल अधिकारी के कमरे में हुई मुलाक़ात में उन्होंने कहा कि वो मज़बूत बने रहने की बहुत कोशिश कर रही हैं लेकिन अचानक से उनकी ज़िंदगी में उथल-पुथल मच गई है...'