'13 फरवरी को प्राइवेट न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ के एक कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह पत्रकार नविका कुमार से बात कर रहे थे. इस दौरान उनसे दिल्ली चुनाव और उसके नतीजों को लेकर सवाल पूछा गया जिसका जवाब देश भर में सुर्खियां बना रहा है. नविका कुमार ने सवाल पूछा कि चुनाव प्रचार के दौरान कुछ हद तक भड़काऊ बातें, जो कि भाजपा की तरफ़ से कही गईं, अगर दूसरा मौका मिले तो भाजपा उन्हें दोहराना चाहेगी? इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि कई ऐसी बातें कहीं गईं जिनसे वो इत्तेफ़ाक नहीं रखते हैं और उन्हें नहीं कहा जाना चाहिए था.
'तारिक फ़तह, सोशल मीडिया में सक्रिय एक प्रमुख नाम हैं, जिन्हें 6 लाख से अधिक लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं। कई अवसरों पर ये पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक सांप्रदायिक आधार पर, विशेष रूप से भारतीय मुसलमानों पर, निशाना साधने हुए गलत जानकारियां शेयर करते हुए पाए गए हैं। इससे भी अधिक चिंता की बात ये है कि भ्रामक सूचनाओं की सच्चाई बताए जाने के बावजूद फ़तह अपना ट्वीट डिलीट नहीं करते हैं। और तो और, हाल ही में उन्होंने कोशिश की कि उन्हें फॉलो करने वाले गुमराह ही रहें...'
'पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के एक बयान पर विवाद हो गया है. इस बयान में उन्होंने महात्मा गांधी के स्वाधीनता आंदोलन को नाटक कहा है. बेंगलुरू में एक रैली में उन्होंने यह सवाल भी किया कि भारत में ऐसे लोगों को महात्मा कैसे कहा जाता है. अनंत कुमार हेगड़े ने कहा, ‘इनमें से किसी भी तथाकथित नेता को पुलिस ने नहीं पीटा. इनका स्वतंत्रता आंदोलन एक बड़ा नाटक था. इसका मंचन अंग्रेजों की मंजूरी के साथ किया गया. यह सचमुच की लड़ाई नहीं थी.’...'
'27 जनवरी को गौतम गंभीर ने राजधानी में स्कूल की खराब स्थिति दर्शाने के लिए एक वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, “वो कहते हैं कि शिक्षा के आधार पर चुनाव लड़िये, मैंने कहा सच के आधार पर लड़े।” (अनुवाद) दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव 8 फरवरी को होने वाले हैं और गंभीर ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के ख़राब कार्यों को दर्शाने का कार्य किया है... भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने टूटी-फूटी ईमारत के एक वीडियो को आप शाषित दिल्ली में कार्यरत स्कूल का बताते हुए साझा किया। हालांकि, इमारत के गेट पर लगे एक नोटिस में लिखा था कि स्कूल को निर्माण कार्य की वजह से एक अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया गया है।'
'पिछले दो दिनों में, ऐसी खबरें सामने आई हैं कि प्रवर्तन निर्देशालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान 120 करोड़ रुपये जुटाए हैं।इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह एजेंसी 2018 से ही प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केरल स्थित इस राजनीतिक संगठन की जांच कर रही थी। ED ( प्रवर्तन निर्देशालय) ने कथित तौर पर पाया है कि पिछले साल 4 दिसंबर से लेकर इस वर्ष 6 जनवरी तक इस संगठन से जुड़े देश भर के कई बैंक खातों में कम से कम 1.04 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। हालांकि, PFI ने इन खबरों को खारिज करते हु
'राजनीतिक चंदे की लेनदेन में काम आने वाले बैंकिंग चैनलों, खातों और मुद्रक को मिलाकर समूचे इनफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और सुरक्षा पर गोपनीय अरबपति या प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल एक पैसा अपनी ओर से खर्च नहीं करते. इसके बजाय यह लागत भारत सरकार के एक खाते कंसोलिडेटेड फंड आँफ इंडिया से वसूली जाती है जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आने वाला राजस्व जमा होता है. इसके ठीक उलट आम भारतीय नागरिकों द्वारा किए जाने वले बैंकिंग विनिमय पर उससे बैंकिंग शुल्क और कमीशन वसूला जाता है.
'पिछले महीने हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दंगा कराने और हत्या के प्रयास के दो आरोपियों को जमानत देते हुए उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक सत्र अदालत ने पुलिस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई सबूत नहीं दिखाया जिससे पता चले कि आरोपी गोलीबारी या आगजनी में लिप्त थे या पुलिस ने आरोपियों से कोई हथियार जब्त किया हो या कोई पुलिसकर्मी गोली से घायल हुआ हो. बता दें कि, सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बिजनौर उत्तर प्रदेश में सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में से एक था.
'हमारी इलेक्टोरल बॉन्ड संबंधी कागज़ात की पड़ताल में यह सामने आया है कि इस विवादास्पद योजना के बारे में सूचना प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक ने सार्वजनिक रूप से गलतबयानी की थी और कुछ मामलों में सूचना के अधिकार के तहत किए गए आवेदनों पर झूठे जवाब भी दाखिल किए थे. यह इसके बावजूद था कि बैंक ये सूचनाएं नियमित रूप से वित्त मंत्रालय को भेज रहा था. सूचना कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने एक आरटीआई आवेदन में एसबीआई से 13 सीधे सवाल पूछे थे.
'बीते दिनों एक रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाला हिंदू, सिख हर नज़रिये से भारत आ सकता है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बताया था कि गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है. क्या वाकई महात्मा गांधी ने ऐसा कहा था जैसा प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कह रहे हैं?...'
'महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार द्वारा भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र की समीक्षा के लिए की गई बैठक के एक दिन बाद शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार में विवाद पैदा हो गया है. 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में लोगों को कथित रूप से उकसाने के लिए नौ अधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को महाराष्ट्र पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था.