'बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक व्यक्ति की शिकायत पर द वायर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 505(2) के तहत केस दर्ज किया. धारा 188 के तहत सरकारी आदेश की अवहेलना और धारा 505 (2) के तहत विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के उद्देश्य से सूचना प्रसारित आरोप में सजा का प्रावधान है...'
'मामला बोटाद जिले के विकालिया गांव का है. परिजनों का आरोप है कि बीते 28 मार्च को 40-50 पुलिसकर्मी उनके घर से आठ पुरुष सदस्यों को उठाकर ढासा पुलिस स्टेशन ले गए थे. बाद में उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर बुरी तरह से पीटा था...'
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस संकट से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दूसरे ही दिन देशभर से पुलिस द्वारा लोगों के साथ गलत व्यवहार करने के वीडियो सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से सामने आया है. इस वीडियो में पुलिस कर्मियों द्वारा पीठ पर बैग बांधे कुछ युवकों को सड़क पर बैठ-बैठ कर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है...'
'वरिष्ठ पत्रकार और टीवी एंकर नवीन कुमार पर दिल्ली पुलिस ने बर्बर हमला किया है। आज सोमवार दोपहर जब वे दिल्ली में वसंतकुंज अपने घर से नोएडा फिल्म सिटी अपने दफ़्तर आ रहे थे तो रास्ते में पुलिस ने उन्हें चेकिंग के दौरान बुरी तरह पीटा। नवीन ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर अपने साथ हुई घटना और दुख को साझा किया है। आइए पढ़ते हैं उनका यह ‘खुला पत्र’ :...'
'5 मार्च को प्राइवेट न्यूज़ चैनल ‘टाइम्स नाउ’ ने प्रसारण के दौरान एक वीडियो चलाया. वीडियो में दिल्ली दंगों के दौरान एक शख़्स को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. चैनल ने दावा किया – “दिल्ली हिंसा का नया वीडियो. रिपोर्ट के अनुसार ये मौजपुर का वीडियो है…पुलिस पर हमले का ये चौथा वीडियो.” चैनल ने इसे #ShaheenLynchModel हैशटैग के साथ ट्वीट किया... इसके एक दिन बाद भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने यही वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने ये दावा किया कि गोली चलाने वाला शख़्स मुस्लिम समुदाय का है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी द्वारा पुलिस पर गोलीबारी करने का एक और वीडियो.
'जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें घाटी में प्रदर्शनों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की गई थी. जस्टिस अली मोहम्मद मागरे और जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘यह स्पष्ट है कि जब तक अनियंत्रित भीड़ द्वारा हिंसा की जाती है, बल का इस्तेमाल अपरिहार्य होता है.’...'
'दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है...'
'सरेआम गोली चला कर दिल्ली दंगों का पोस्टर बॉय बना दिया गया शाहरुख़ मंगलवार को शामली से पकड़ा गया। पोस्टर बॉय बनाने का मकसद आप समझ सकते हैं, पकड़ने में इतनी देर होने का कारण भी। अब इसे कुछ तथ्यों से मिलाकर देखिए। खबर है कि दो मुस्लिम सिपाहियों ने उसका सरेंडर प्लान किया। शाहरुख के पास 7.65 एमएम की पिस्टल मिली है। (पुलिस से अनुसार उसने देसी पिस्टल का उपयोग किया जो मुंगेर में बनी अच्छी क्वालिटी की है पर बरामद नहीं हुई है)। शाहरुख के पास 5 कारतूस थे और उसने दो फायर किए। शाहरुख को जिस ढंग से प्रचारित किया गया उससे लगता है कि वह किसी की चाल हो सकती है। क्यों, यह बताने की जरूरत नहीं है। ऐन दंगों के ब
'पिछले हफ्ते की शुरुआत में उत्तर पूर्व दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक कम से कम 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हैं। ज्यादातर लोग 24 और 25 फरवरी से हिंसा की बात कर रहे हैं लेकिन इसकी भूमिका इससे पहले शनिवार रात यानी 22 फरवरी से बनने लगी थी। गौरतलब है यह सब किसी एक इलाके में नहीं हो रहा था बल्कि उत्तर पूर्व के कई इलाकों में एकसाथ, कई घटनाएं घट रही थी। इस पूरे इलाके में लगभग 10 से अधिक जगहों पर सीएए के खिलाफ दिन रात का धरना जारी था। इसे लेकर तरह-तरह के भ्रम, अफवाहें भी लोगों के बीच फैलाई जा रहीं थी। हिंसा की वजह को समझने के लिए समय के साथ इस पूरे
'...दंगाग्रस्त उत्तर-पूर्व दिल्ली के भागीरथी विहार नाला रोड में एक जले हुए घर के सामने बीते सप्ताह मंगलवार को हुई घटना के बारे में याद करते हुए रजा ने पूरी बात बताई। टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, रजा ने कहा, “वे तेज आवाज में धार्मिक नारे लगा रहे थे। शाम के करीब 7 बजे थे। उन्होंने हमारे ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी। मैंने मदद के लिए पुलिस के पास फोन किया, लेकिन पुलिस ने मुझे अपना घर छोड़कर भाग जाने की सलाह दी। उन लोगों ने मेरे घर को जला दिया और सारी चीजें तहस-नहस कर दी। हालांकि इससे पहले हम घर छोड़कर भागने में सफल रहे।” अख्तर रजा दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के बीजेपी अल्पसंख्यक इकाई के उपाध्यक