'नए नागरिकता कानून और प्रस्तावित नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ व्यापक विरोध और प्रतिरोध के चलते विदेशों में भी भारत की छवि को झटका लगाने लगा है, इस कड़ी में यूरोपियन संसद ने अगले सप्ताह एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करना तय किया है जो सीएए को एक ऐसा कानून मानता है जो "दुनिया में सबसे बड़ा राज्यविहीनता का संकट पैदा कर सकता है और बेइंतहा इंसानी परेशानियों और संकट का कारण बन सकता है"। 154 सांसदों द्वारा तैयार इस प्रस्ताव के मसौदे को भारत के नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव के रूप में चर्चा के लिए अगले सप्ताह ब्रुसेल्स में संसद के पूर्ण सत्र के दौरा