'मामला बोटाद जिले के विकालिया गांव का है. परिजनों का आरोप है कि बीते 28 मार्च को 40-50 पुलिसकर्मी उनके घर से आठ पुरुष सदस्यों को उठाकर ढासा पुलिस स्टेशन ले गए थे. बाद में उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर बुरी तरह से पीटा था...'
'कोरोना वायरस के फैलाव और संक्रमण को रोकने के नाम पर केंद्र की भाजपा सरकार के मुखिया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह आनन-फानन में, परपीड़क (सैडिस्ट) अंदाज़ में, देश की जनता को विश्वास में लिये बगैर, देशव्यापी लॉकडाउन (देश बंद- काम बंद- जनता बंद- अनिश्चितकालीन कर्फ़्यू) की घोषणा की, उसकी असलियत एक ख़बर और एक फ़ोटो ने उजागर कर दी है। यह दृश्य विचलित कर देने वाला है। इससे, और अन्य कई घटनाओं व दृश्यों से, पता चलता है कि लॉकडाउन देश की करोड़ों-करोड़ ग़रीब जनता और मेहनतकश तबकों पर केंद्र की भाजपा सरकार का अत्यंत बर्बर राजनीतिक हमला है। इसने उन्हें न सिर्फ़ जीने के साधन और रोज़गार के अवसर
'बिहार के आरा में अनुसूचित जाति (एससी) के एक 11 साल के बच्चे की मौत बाद स्थानीय वार्ड काउंसलर और सीपीआई-एमएल ने आरोप लगाया है कि बच्चे की मौत भूख की वजह से हुई है. जिला प्रशासन ने इस संबंध में मेडिकल जांच के आदेश दिए हैं. पिछले एक सप्ताह से बीमार रहने के बाद बीते शुक्रवार को आरा कस्बे के जवाहर टोला में रहने वाले राहुल की मौत हो गई थी. उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते वे पिछले कई दिनों से बेरोजगार बैठे हैं...'
'दिल्ली के मुखर्जी नगर में मणिपुर की एक छात्रा को कथित तौर पर ‘कोरोना’ कहकर उस पर थूकने का मामला सामने आया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है...'
'झारखंड में एक और निर्दोष आदिवासी को उग्रवादी समझ सीआरपीएफ ने गोली मार दी है। घटना 20 मार्च के सुबह की है। तीन बेटियों के बाप खूंटी के रोशन होरो (36) इस ज्यादती के शिकार हुए हैं। घटना मुरहू थाना के एदेलबेड़ा उत्क्रमित मध्य विद्यालय के पास हुई है। डीजीपी एमवी राव ने पुलिस की गलती मानी है। साथ ही गोली चलानेवाले पर एफआईआर की बात कही है...'
'कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसी बीच कन्नडा चैनल ‘पब्लिक TV’ ने 14 मार्च को एक न्यूज़ बुलेटिन दिखाया. इसमें दावा किया गया कि कर्नाटका, भटकाल में चार मुस्लिम युवक दुबई से लौटे हैं और उन्होंने धार्मिक कारणों से कोरोना का टेस्ट करवाने से मना किया है. हालांकि, प्रसारण का वीडियो ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से अब डिलीट कर दिया गया है मगर आप इसे नीचे देख सकते हैं...'
'...दिल्ली दंगों में जिस मौत का सबसे ज़्यादा ज़िक्र हुआ वो थी 26 साल के अंकित शर्मा की मौत. इंटेलिजेंस ब्यूरो में कांस्टेबल पद पर तैनात अंकित शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को चांद बाग़ इलाक़े में मौजूद एक नाले से मिली थी... अंकित की मौत की ख़बर आते ही सनसनी फैल गयी. सनसनी असल में मौत के कारण नहीं बल्कि मौत की वीभत्सता को लेकर थी. बताया गया कि अंकित के शरीर पर 400 चाकुओं के निशान हैं. उसे 400 बार चाकू या और नुकीले हथियारों से गोदा गया और फिर उसकी लाश को नाले में फेंक दिया गया. सोशल मीडिया पर ये बात आग की तरह फैली.
'एक व्यक्ति की तस्वीर सोशल मीडिया में ये कहते हुए वायरल हो रही है कि ये व्यक्ति हिमालया आयुर्वेदिक प्रोडक्ट के फ़ाउन्डर मोहम्मद मेनल हैं. दावा है कि ये अपनी आमदनी का 10% ‘जिहादियों’ को देते हैं. ट्विटर यूज़र भरत संघवी ने तस्वीर को इसी दावे से शेयर किया था. संघवी को ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह फ़ॉलो करते हैं... हैन्डल ‘@Read_Bannaj’ ने एक और कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया कि हिमालया प्रोडक्ट का सभी हिन्दुओं को बहिष्कार करना चाहिए क्योंकि इसका मालिक एक मुस्लिम व्यक्ति है और वो अपनी आय का 10% ‘आतंकवादियों’ को देता है.
'राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है. सोमवार को इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है... बता दें कि रिटायर होने से कुछ दिनों पहले रंजन गोगोई ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था. गोगोई ने अयोध्या मामले पर बनी पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया था, जिसने पिछले साल नौ नवंबर को फैसला सुनाया था.
'...दंगा प्रभावित इलाकों से गुजरते हुए द वायर जब चांदबाग पहुंचा तो वहां कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला कि दंगाइयों ने किस तरह हिंसा के बीच महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. ये महिलाएं समाज और पुलिस के डर से सामने नहीं आईं और न ही आना चाहती हैं. दंगाइयों की हैवानियत का शिकार हुईं इन पीड़ित महिलाओं में से कोई मां है, जिसकी दो बेटियों की शादी इसी साल होनी है, कोई अधेड़ उम्र की विधवा है, तो कोई नवविवाहिता. इन महिलाओं में इस कदर खौफ़ है कि अपने साथ हुई इस ज्यादती की शिकायत ये थाने में दर्ज नहीं कराना चाहतीं...'