'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘आतंकवादी’ कहने के आरोप में कानपुर जिला अदालत के एक वकील के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल हन्नान नाम के वकील ने रविवार को राज्य के सूचना विभाग के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी के एक ट्वीट पर कॉमेंट किया था. दरअसल, त्रिपाठी ने राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के एक हिस्से का वीडियो ट्वीट किया था.
'...उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगे होर्डिंग्स पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। पहले पुलिस-प्रशासन की तरफ़ से सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शकारियों को हिंसा का आरोपी बताते हुए नुकसान की भरपाई के लिए जगह-जगह बड़े बड़े होर्डिंग-पोस्टर लगा दिए गए। इस पर आपत्ति के बाद भी इन्हें नहीं हटाया गया। इसके बाद जैसे को तैसा जवाब देते हुए यह पोस्टर वार शुरू हो गई। शनिवार, 14 मार्च को लखनऊ की सड़कों पर और भाजपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा दिखाई दिया। पोस्टर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों की फोटो हैं, साथ ही चुनावी हलफनामे के दौरा
'उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विरोध प्रदर्शनों, जुलूसों और धरने के कारण सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अध्यादेश लाएगी. लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ. सरकार ने यह कदम हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया है जिसमें उसे लखनऊ में लगाए गए सीएए विरोधियों के पोस्टर हटाने का आदेश दिया गया था. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. शीर्ष अदालत ने भी सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि उसे किस कानून ने ऐसा करने का अधिकार दिया है.
'सीएए पास होने के बाद उसके खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन, उसके समर्थन में निकाली गई रैलियों और बीते दिनों दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान 32 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पत्रकारों के साथ मारपीट या उन्हें उनके काम करने से रोकने की कोशिश हुई है। यह खुलासा सोमवार को 'कमेटी अगेन्स्ट एसॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट' (CAAJ) द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट से हुआ है। CAAJ की ओर से 9 मार्च को दिल्ली में प्रेस क्लब में 'रिपब्लिक इन पेरल' (Republic In Peril) नाम से जारी इस रिपोर्ट में दिल्ली के उन 32 पत्रकारों का विवरण दिया गया है, जिन पर हमला किया गया था...'
'उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर राजधानी लखनऊ में लगे पोस्टरों के मामले में योगी सरकार को झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उससे ये पोस्टर हटाने को कहा है. अदालत ने इस कदम को अवैध और मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए लखनऊ प्रशासन से 16 मार्च तक इस मामले में रिपोर्ट भी तलब की है. पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में 53 लोगों के नाम, उनकी तस्वीरें और उनके पते छपे हैं. इनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर समेत कई चर्चित नाम भी हैं...'
'दक्षिणपंथी संगठन श्री राम सेना के एक कार्यकर्ता ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ गुरूवार शाम को यहां एक रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोन की हत्या करने के लिए 10 लाख रूपये के इनाम की घोषणा की है। एक विडियो फुटेज में श्री राम सेना का कार्यकर्ता संजीव मारदी सरकार से अमूल्या को नहीं रिहा करने का आह्वान करता नजर आ रहा है। विडियो में साथ ही वह यह भी कह रहा है कि वरना वह उसे जान से मार देगा...'
'पुणे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने विवादास्पद अभियान शुरू किया है. मनसे कार्यकर्ता शहर के उन इलाकों में जा रहे हैं, जहां कथित रूप से बांग्लादेशी रहते हैं. मनसे कार्यकर्ता वहां रहने वाले लोगों से नागरिकता के सबूत मांग रहे हैं... रिपोर्ट के मुताबिक पुणे शहर के धनकवड़ी इलाके में बड़ी संख्या में किराये पर लोग रहते हैं. मनसे कार्यकर्ताओं ने इनसे भारतीय नागरिक होने के सबूत मांगे हैं. यहां पर जो लोग दस्तावेज मनसे कार्यकर्ताओं को दिखाते हैं उनकी सत्यता की जांच के लिए पुलिस अधिकारी भी इनके साथ रहते हैं...'
'बेंगलुरु में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या लियोना का नक्सल लिंक होने का दावा किया गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि यह समाज में शांति और सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है. जांच ऐसे लोगों की भी होनी चाहिए, जो इनको प्रोत्साहित करते हैं. अमूल्या का नक्सलियों से भी संबंध था. सजा तो होनी ही चाहिए... इस बीच अमूल्या लियोना के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. उनका आरोप है कि चिकमंगलुरु में उनके घर को कुछ अराजक तत्वों ने तोड़ दिया है. अमूल्या के पिता जेडीएस के स्थानीय नेता हैं.
'राजस्थान के नागौर जिले के पांचौड़ी थाना क्षेत्र के करणू गांव में दबंगों द्वारा एक मोटरसाइकिल एंजेंसी में युवक के साथ बर्बरता करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि युवक के साथ पहले मारपीट की गई और उसके बाद पीड़ित के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया गया। गत रविवार को हुई इस घटना का वीडियो 19 फरवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया...'
'उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे हजारी सिंह पर एक दलित कर्मचारी को पीटने का आरोप लगा है। तहसील कार्यालय के सैकड़ों कर्मचारियों ने बुधवार को हुई इस घटना को लेकर हजारी सिंह की गिरफ्तारी की मांग के साथ थाने पर प्रदर्शन किया...'