'मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता संदीप पांडेय के खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि उन्होंने हिंदुत्ववादी विचारक विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कथित रूप से अनुचित टिप्पणियां की थीं. पुलिस ने बुधवार को बताया कि संदीप पांडेय ने सोमवार (20 जनवरी) शाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को संबोधित किया था. हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बीते मंगलवार को उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया.
'वाराणसी के बजरडीहा क्षेत्र में 20 दिसंबर 2019 को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जुलूस निकाला गया। शांतिपूर्वक प्रदर्शन के बीच में पुलिस लाठीचार्ज कर दी। इस लाठीचार्ज में दर्जनों से अधिक लोग घायल हो गए, एक आठ साल के बच्चे की मौत हो गई। तनवीर नाम के एक 16 साल के बच्चे की स्थिति एक महीने के बाद भी नाजुक बनी हुई है। यहां के बख्तियार अहमद बताते हैं, 'पहले से जुलूस निकालने की कोई तैयारी नहीं थी, लोग जुमे की नमाज़ पढ़कर निकले, दस-पंद्रह लोग आपस में बात करते हुए जा रहे थे, तभी कुछ लोग उनकी बात को सुनने लगे, इसी बीच नारेबाजी होने लगी और देखते ही देखते हजारों लोगों की भी
'इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से किया गया था. कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगा कि यह किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी है लेकिन मेरे मंच पर होने के बावजूद किसी दूसरे परफॉर्मर के नाम की घोषणा होने पर मुझे वास्तविकता का पता चला...'
'नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के सिलसिले में 20 दिसंबर को लखनऊ से गिरफ्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते कोर्ट से जमानत मिली थी। जेल से रिहा होने के बाद रॉबिन वर्मा ने बताया कि हिरासत में लेने के बाद पुलिस उनसे बार-बार यही पूछ रही थी कि, “आप एक हिंदू हैं, फिर आपकी दोस्ती मुसलमानों के साथ क्यों है?” रॉबिन वर्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिसकर्मियों द्वारा शारीरिक रूप से प्रताड़ित और अपमानित किया गया। इसके साथ ही पुलिस ने उन्हें चेतावनी भी दी कि उनकी पत्नी और नाबालिग बेटी के साथ भी ऐसा ही किय
'उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री रघुराज सिंह का एक विवादित बयान इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है. योगी सरकार के मंत्री ने धमकी भरा बयान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के खिलाफ नारेबाजी करने वालों को जिंदा दफन कर दिया जाएगा. रघुराज सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं...'
'...सालों की मेहनत के बाद 48 वर्षीय तौकीर अहमद ने सिग्नेचर करना सीखा था। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा के बाद बिजनौर पुलिस ने उनके नाबालिग बेटे को हिरासत में लिया गया था। बेटे की 'रिहाई के बदले' तौकीर ने 28 दिसंबर को एक कागज पर दस्तखत किए। बेटे को घर लाने के 10 दिन बाद मंगलवार को उन्हें पता लगा कि कथित तौर पर उनके द्वारा दी शिकायत के आधार पर पुलिस ने उनके एरिया के 300 लोगों को हिरासत में लिया है...'
'नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया उनका एक गोपनीय दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गया था... उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर जिले (नोएडा) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को उन्हें निलंबित कर दिया. सरकारी प्रवक्ता ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी...'
'हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने हर्ष मंदर, जॉन दयाल और कई अन्य सदस्यों के साथ मुजफ्फरनगर का दौरा किया और जमीनी हकीकत का जायजा लिया। यहां उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के बाद बने हालातों पर जो कुछ देखा उसे ट्वीट के जरिए बयां किया है। कविता कृष्णन ने लिखा है, साक्ष्य बताते हैं कि यूपी पुलिस, पीएसी, आरएएफ "दंगाई" हैं। यहाँ, मुस्लिम घरों को निशाना बनाकर तोड़-फोड़ की गई। आरएएफ भी मुस्लिम घरों के इस विनाश में शामिल था। एक ने अपनी नीली टोपी यहीं छोड़ दी। पुलिस, पीएसी, आरएएफ ने घरों में तोड़फोड़ करते हुए कहा, "मुसलमानों को भारत से बाहर निकाल दिया जाएगा, फर्श और दीवारों को
'उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले में बीते 21 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें से कई लोगों के यहां संपत्ति नुकसान का हर्जाना भरने के लिए लाखों रुपये का नोटिस भेजा गया है... उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अब तक करीब 400 लोगों को नोटिस दिए गए हैं. योगी सरकार ने ऐसा करने के लिए दो दिसंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए एक आदेश का सहारा लिया है जिसमें तोड़-फोड़ करने वालों से नुकसान के भरपाई की बात कही गई है.
'28 दिसम्बर को भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया है कि लखनऊ में CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए हैं, उन्होंने ट्वीट में लिखा, चूंकि अभी पुराने वीडियो शेयर किये जा रहे हैं, लखनऊ से यह वीडियो है, जहाँ CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है … धिक्कार है! किसी को उनके साथ एक संवाद करना चाहिए और उन्हें अगली बार कैमरों के लिए तिरंगा और बापू की तस्वीर ले जाने के लिए कहना चाहिए।”...