'पिछले दिनों उन्नाव रेप कांड की पीड़िता और उनके वकील रायबरेली के पास एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिनके बाद से ही उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है. इस हादसे में पीड़िता के दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी, उनमें से एक रिश्तेदार 2017 की घटना की चश्मदीद थीं... इस घटना ने एक बार फिर भारत में चश्मदीदों की सुरक्षा की ओर सभी का ध्यान खींचा है. चश्मदीद को न्याय व्यवस्था की आंख और कान बताया गया है लेकिन अगर अभियुक्त प्रभावशाली हो तो भारत में चश्मदीद होना आसान नहीं. ऐसा कई मामलों में देखने को मिला है... आसाराम बापू-नारायण साई के मामला इसका प्रमुख उदाहरण है.